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देश के बैंकों का 9 हजार करोड़ से अधिक लेकर फरार हुए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (63) ने एक बार फिर ट्वीट में कहा कि वह बैंकों का लोन चुकाने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'जो लोग देश से भाग गए हैं, वो ट्विटर पर रो रहे हैं कि मैं तो 9 हजार करोड़ रुपये लेकर निकला था, लेकिन मोदी जी ने मेरे 13 हजार करोड़ जब्त कर लिए।' इसके जवाब में विजय माल्या ने ट्वीट कर अपना पक्ष रखा।

माल्या ने ट्वीट कर कहा, 'बुधवार को संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण को मैंने सुना। वह निश्चित तौर पर एक बेहद वाकपटु वक्ता हैं। भाषण में उन्होंने 9,000 करोड़ रुपये लेकर भागने वाले एक अज्ञात शख्स का जिक्र किया। मीडिया में कही-सुनी गई बातों से मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि उनका इशारा मेरी तरफ था।'

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, 'मैं आदरपूर्वक पूछता हूं कि जब मैं पैसे देने की पेशकश पहले ही कर चुका हूं, फिर प्रधानमंत्री अपने बैंकों को मुझसे पैसे लेने का निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं, ताकि वह किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए कर्ज की पूरी वसूली का कम से कम दावा तो कर सकें।'

भगोड़े कारोबारी ने कहा, 'बकाये के भुगतान की पेशकश मैं कर्नाटक उच्च न्यायालय में कर चुका हूं। इसे हलके में लेकर खारिज नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह वास्तविक, गंभीर, ईमानदार और तत्काल हासिल करने वाली पेशकश है। पता नहीं बैंक क्यों किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए पैसे नहीं ले रहे हैं।'

विजय माल्या ने कहा, 'मुझे मीडिया में आए प्रवर्तन निदेशालय (ED)के उस दावे के बारे में बात करते हुए बेहद पीड़ा हो रही है, जिसमें कहा गया कि मैंने अपनी संपत्ति छिपाई! अगर अपनी संपत्ति छिपाई होती, तो लगभग 14,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को मैंने कोर्ट में खुले तौर पर कैसे रखा? लोगों में शर्मनाक तरीके से भ्रम फैलाया गया, लेकिन यह अचंभित करने वाला नहीं है।'

इससे पहले लोकसभा में पीएम मोदी ने नाम लिए बिना राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान माल्या पर करारा हमला किया था। पीएम ने कहा था 'जो लोग देश से भाग गए हैं, वे ट्वीटर पर रो रहे हैं मैं तो 9 हजार करोड़ लेकर भागा था लेकिन मोदी जी ने मेरे 13 हजार करोड़ जब्त कर लिए।'

बता दें कि भगोड़ा आर्थिक अपराध अधिनियम के तहत पिछले महीने माल्या को एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया। वह 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर भाग गया था। लंदन की एक कोर्ट ने 10 दिसंबर, 2018 को उसके भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया।

ब्रिटेन की सरकार ने सोमवार को बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण को ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है, जो इस भगोड़े शराब कारोबारी के लिए बड़ा झटका है और उसे वापस लाने के भारत के प्रयास की बड़ी जीत है।