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बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटे जाने के मामले में पर्यावरणविदों द्वारा तत्काल हस्तक्षेप संबंधी दाखिल की गई ताजा याचिका को भी खारिज कर देने के बाद 2656 पेड़ों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे पर्यावरणविदों को लगातार दूसरे दिन भी झटका लगा। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) ने भी नया नोटिस जारी करने के कार्यकर्ताओं के दावे को खारिज कर दिया है। पुलिस ने अभी तक 38 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।

पेड़ों को काटने संबंधी याचिका के हाई कोर्ट के द्वारा खारिज होने के बाद पर्यावरणविदों ने शनिवार को नई याचिका डाली थी। इस नई याचिका पर भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने पर्यावरणविदों से चीफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाने को कहा है। वहीं मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भी शनिवार को आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने से पहले नई नोटिस जारी करने के पर्यावरण कार्यकर्ताओं के दावे को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने के मुद्दे पर प्रशासन और पर्यावरण प्रेमी आमने-सामने हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक 38 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 55 को हिरासत में लिया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के आरे से जुड़ी याचिकाओं को खारिज करने के बाद शुक्रवार रात से ही पेड़ काटने का काम शुरू हो गया। कटाई के विडियो वायरल होने पर सैकड़ों लोग इसे रोकने पहुंच गए जिसके बाद से वहां जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है। हालत यह है कि कई किलोमीटर पहले ही लोगों के अंदर घुसने पर रोक लगा दी गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है।

इससे पहले मेट्रो कार शेड के लिए बीएमसी ने आरे के करीब 2700 पेड़ों की कटाई को हरी झंडी दी थी, जिसके खिलाफ अलग-अलग याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई थीं। हालांकि, शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह कहकर याचिकाओं को खारिज कर दिया था कि मामला पहले की सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के सामने लंबित है, इसलिए हाई कोर्ट इसमें फैसला नहीं दे सकता है। इधर कोर्ट ने यह फैसला दिया और उधर अधिकारियों ने आरी उठी ली।

कोर्ट का फैसला आने के बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए तैयार थे लेकिन इसके लिए सोमवार तक इंतजार किया जाना जरूरी था। कुछ कार्यकर्ता इस बात से नाराज हैं कि कोर्ट का फैसला शुक्रवार को आया जब वे इसके आगे कोई कार्रवाई सोमवार तक नहीं कर सकते थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसका फायदा उठाकर एमएमआरसीएल (मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) और बीएमसी ने कटाई पर स्टे न लगा होने के कारण काम शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के अलावा यह मामला नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल में भी लंबित था।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सत्ता में आने पर आरे कार शेड का मसला सुलझा लिया जाएगा। वहीं उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने इस मामले में सीएम देवेंद्र फडणवीस से दखल देने की अपील करते हुए ट्वीट में लिखा, 'प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जा सकता। अगर हम ऐसा करते हैं तो शर्मनाक है। मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से इस मामले में दखल देने की अपील करता हूं। उन्हें पुलिस को निर्देश देना चाहिए कि पर्यावरण से प्रेम करने वालों पर केस दर्ज न हो।'

हाई कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को पेड़ों की कटाई की खबर फैलते ही आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा- 'जिस तरह से मुंबई मेट्रो का काम चोरी-छिपे और तेजी से आरे के ईकोसिस्टम को काटकर किया जा रहा है वह शर्मनाक और घटिया है। कई पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय शिवसेना सदस्यों ने इसे रोकने की कोशिश की। जिस तरह से पुलिस तैनात करके पेड़ काटे जा रहे हैं, मुंबई मेट्रो हर उस बात को खराब कर रही है जो भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कही।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।