भारतीय टीवी जगत का सबसे विवादस्पद और चर्चित शो 'बिग बॉस' रोजाना अपने एपिसोड से दर्शकों का खूब मनोरंजन कर रहा है. लेकिन हाल ही में सलमान खान के शो 'बिग बॉस 13' पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.
दरअसल, गाजियाबाद से बीजेपी के विधायक नंद किशोर गुज्जर ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर शो को बैन करने की मांग की है. बीजेपी विधायक नंद किशोर ने अपने पत्र में लिखा, 'बिग बॉस शो अश्लीलता और अशिष्टता को बढ़ावा दे रहा है, साथ ही यह परिवार के साथ देखने के काबिल भी नहीं है.' इसके साथ ही बीजेपी विधायक ने भविष्य में ऐसे प्रसारण को रोकने के लिए सेंसर तंत्र की भी मांग की है.
Ghaziabad: BJP MLA from Loni, Nand Kishor Gurjar has written to Minister of Information & Broadcasting, Prakash Javadekar asking him to immediately stop the telecast of 'Bigg Boss - 13' alleging that the show is 'spreading vulgarity & hurting the social morality of the country'. pic.twitter.com/JDh7HkXktH
— ANI UP (@ANINewsUP) 10 October 2019
बीजेपी नेता नंद किशोर ने 'बिग बॉस 13' को लेकर कहा, 'शो देश के सांस्कृतिक आचार के खिलाफ है, साथ ही इसमें कई आपत्तिजनक सीन भी शामिल हैं. विभिन्न समुदायों से आए लोग यहां बेड पार्टनर्स बन रहे हैं जो स्वीकार्य नहीं है."
नंद किशोर ने आगे कहा, 'एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने देश की खोई हुई गरिमा को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे शो देश की संस्कृति को खराब कर रहे हैं. बच्चे और नाबालिग टीवी देखते हैं और वह आसानी से इन शो तक पहुंच सकते हैं, जिसमें इतनी व्यस्क सामग्री शामिल है. इसके अलावा शो इंटरनेट पर भी उपलब्ध है.'
बीजेपी नेता के अलावा ब्राह्मण महासभा ने भी 'बिग बॉस 13' पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की मांग की है. महासभा ने इस सिलसिले में अपना ज्ञापन गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट को सौंपा है.
उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने घोषणा की कि जब तक बिग बॉस बंद नहीं हो जाता है, तब तक वह अन्न का एक दाना भी नहीं खाएंगे. इस सिलसिले में अमित जानी ने कहा, 'मैं तब तक फल और सब्जी पर जीवित रहूंगा, जब तक सरकार शो को बंद करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा लेती है. युवा जोड़ों का राष्ट्रीय टेलीविजन पर बेड शेयर करते हुए दिखाना स्वीकार्य नहीं है. मैं इस चीज से हैरान हूं कि नैतिक मूल्यों वाले आरएसएस ने इसपर ध्यान क्यों नहीं दिया."
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।