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ANI

2019 का लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा गरमाता जा रहा है. अपने बयानों को लेकर सदैव सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने राम मंदिर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अब हिंदुओं का सब्र टूट रहा है, मुझे भय है कि इसका परिणाम क्या होगा.

गिरिराज सिंह ने कहा देश का दुर्भाग्य है कि हिन्दुओं को प्रताड़ित होना पड़ा. आजादी के तुरंत बाद हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर देश का बंटवारा हुआ. उस समय अगर कांग्रेस हिन्दुओं के आस्था का केंद्र प्रभु श्री राम का मंदिर बनवा दी होती तो आज यह दुर्दशा नहीं होती. जवाहर लाल नेहरू ने वोट की खातिर इसे विवादित बनाकर रखा. अब भी कांग्रेस इसे विवादित बनाए रखना चाहती है.

उन्होंने कहा कपिल सिब्बल कह रहे हैं अभी फैसला नहीं आए, चुनाव है. यानी कांग्रेस चाहती है मंदिर नहीं बने, विवादित बना रहे. हम वोट लेते रहे, लेकिन 125 करोड़ हिन्दू अब इंतजार करने के लिए तैयार नहीं. अब सब्र की सीमा टूट रही है. अग सीमा टूट गई, तो कुछ भी हो सकता है. चाहे सरकार अध्यादेश लाए या कोर्ट फैसला करे, अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए. अब इंतजार नहीं.

इससे पहले भी कई मौके पर गिरिराज सिंह राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. इससे पहले शेखपुर के बरबीघा में उन्होंने कहा था कि हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर राम मंदिर निर्माण कार्य में सहयोग करें. अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो हिंदुओं का दिल दुखेगा. इसके बाद कुछ भी हो सकता है.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हाल के दिनों में बेगूसराय में कहा था कि राम मंदिर का निर्माण हमारी पार्टी के लिए चुनावी मुद्दा नहीं है. राम मंदिर अस्मिता की पहचान है. यह दुर्भाग्य की बात है कि 1952 में सरदार वल्लभ भाई पटेल की सलाह पर कांग्रेस पार्टी द्वारा काशी, मथुरा और अयोध्या में मंदिर नहीं बनाया गया. अगर उस समय मंदिर बना दिया गया होता तो आज यह विवाद रहता ही नहीं.

बेगूसराय में मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा था कि सबरीमाला पर तो सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला तुरंत सुना दिया, लेकिन राम मंदिर पर नहीं. उन्होंने कहा कोर्ट को इस मुद्दे को तत्काल देखना चाहिए. कहीं ऐसा ना हो कि देरी करते-करते हिंदुओं का सब्र टूट जाए.