भरतीय सेना का जवान (सांकेतिक तस्वीर)
भरतीय सेना का जवान (सांकेतिक तस्वीर)रायटर्स

अपने बेटे जितेंद्र सिंह को जम्मू रेलवे स्टेशन पर छोड़ने से पहले गले लगाते समय समुंदर सिंह को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि इसके छः घंटे के भीतर ही उनका बेटा देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाएगा.

टाईम्स आॅफ इंडिया की खबर के मुताबिक, बीएसएफ के साथ सहायक कमांडेंट के रूप में तैनात जितेंद्र सिंह की मौत बुधवार, 13 जून को जम्मू-कश्मीर के सांबा क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा किये गए युद्धविराम उल्लंघन के दौरान हो गई.

टीओआई ने सिंह के हवाले से लिखा, ''करीब छः घंटे पहले ही उसने जम्मू रेलवे स्टेशन पर मुझे गले लगाया था. मुझे उसकी मौत की खबर भी अभी यात्रा के दौरान ही मिली है.'' बीएसएफ के एक अधिकारी ने ही उन्हें जम्मू से वापस जयपुर जाते समय जितेंद्र की मौत की सूचना दी.

उनके बेटे की मौत की खबर के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों और स्थानीय समाचार चैनलों में आने के साथ ही, समुंदर के जयपुर स्थित आवास पर संवेदना प्रकट करने वाले रिश्तेदारों और मित्रों का तांता लग गया.

दुखी पिता ने टीओआई को बताया, ''मेरे बेटे ने कुछ दिन पूर्व ही मुझे फोन कर बहुत जोर देकर उसके डिप्टी कमांडेंट के पद पर पदोन्नति और स्थानांतरण होने से पहले एक बार जम्मू आने को कहा था. अब समय पाकिस्तान के खिलाफ सख्त और कड़ी कार्रवाई करने का वक्त आ गया है.''

भरतपुर जिले के रहने वाले जितेंद्र अपने पीछे पत्नी और तीन वर्षीय बेटे यश को छोड़ गए हैं. 2011 में बीएसएफ में भर्ती होने से पहले, जितेंद्र एक बेहद मेधावी छात्र थे और उन्हें वाद-विवाद और कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी मिल चुके थे.

जितेंद्र का अंतिम संस्कार उनके पैतृक शहर भरतपुर में किया गया.