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भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक के बाद आतंकियों में खौफ पैदा हो गया है। पाकिस्तान में बैठकर आतंकियों की नर्सरी तैयार करने वाले जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) जैसे संगठन अब भारतीय बॉर्डर से अपने बेस को शिफ्ट कर रहे हैं। इन आतंकी संगठनों ने अफगानिस्तान के आतंकी समूहों से हाथ मिला लिया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन एलईटी और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के संगठन जैश ने अफगानिस्तान के हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान से दोस्ती कर ली है।

सूत्रों ने बताया कि पाक स्थित आतंकी संगठन कांधार और कुनार से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक अफगानिस्तान में अपने आतंकी बेस को शिफ्ट कर रहे हैं। दरअसल, उनके ऐसा करने के पीछे पाकिस्तान की सरकार का भी दबाव है। इस साल के अंत में पाकिस्तान को टेरर फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनैंशनल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) के सामने खुद को ब्लैक लिस्ट होने से बचाना है। ऐसे में दुनिया की नजर में पाकिस्तान के कथित ऐक्शन को दिखाने के लिए आतंकी अपने दहशर्तगर्दों और टेरर कैंपों को अफगान बॉर्डर पर ले जा रहे हैं।

आपको बता दें कि पाकिस्तान पहले से ही टेरर फंडिंग के खिलाफ काम करने वाले वैश्विक संगठन एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल है। इसने पाकिस्तान से मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

उधर, भारत चाहता है कि एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करे, जिस कदम से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पडे़गा। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन अफगानिस्तान में तालिबान के दबदबे वाले इलाके में छुप रहे हैं। उनसे काबुल स्थित भारतीय दूतावास और अन्य कूटनीतिक संस्थानों को खतरा पैदा हो गया है।

खुफिया सूत्रों ने यह बताया है कि कांधार स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को तालिबान हमले के खतरे की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट पर रखा गया है। सूत्रों ने यह खुलासा भी किया कि हक्कानी नेटवर्क ने साल की शुरुआत में जैश सरगना मसूद अजहर को अफगानिस्तान में पनाह देने का ऑफर दिया था। हालांकि, मसूद का यह मानना था कि वह बहावलपुर में पाक आर्मी के सुरक्षा घेरे में महफूज है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।