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फीस वृद्धि, ड्रेस कोड के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने संस्थान के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया जहां दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने आए मानव संसाधन विकास मंत्री एआईसीटीई आडिटोरियम से करीब छह घंटे तक बाहर नहीं आ पाए और मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा।

एक अधिकारी ने बताया कि ''छात्रों के प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्री सुबह से काफी देर तक एआईसीटीई ऑडिटोरियम से बाहर नहीं आ पाए हैं और मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करने पड़े ।''

अधिकारी ने बताया, ''जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और उपाध्यक्ष साकेत मून को मानव संसाधन विकास मंत्री के लिए रास्ता दिये जाने के लिए छात्रों से बात करने को कहा गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से द्वार से हटने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।''

बाद में जेएनयूएसयू के छात्र संघ के पदाधिकारियों ने एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गौर किया जायेगा। मंत्री दोपहर बाद आडिटोरियम से बाहर आ गये और शाम को एक अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया। निशंक को आज ''स्वयं 2.0'' जारी करना था लेकिन इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा, ''एआईसीटीई परिसर में आज मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएनयू विद्यार्थियों से उनकी समस्यओं को लेकर सकारात्मक चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने यह आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का शीघ्र उचित हल निकाल लिया जायेगा।''

गौरतलब है कि जेएनयू के निकट बड़ी संख्या में छात्र फीस वृद्धि, ड्रेस कोड जैसे दिशानिर्देश के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। छात्र इसे प्रशासन की ''छात्र-विरोधी'' नीति बताते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की तरफ आगे बढ़ने चाहते थे लेकिन गेट पर अवरोधक लगा दिए गए।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस स्थान पर दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति हालांकि विरोध प्रदर्शन बढ़ने से पहले ही वहां से रवाना हो गए थे।

जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई के द्वारों को बंद कर दिया गया और सुबह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसरों के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि जेएनयू परिसर के उत्तरी और पश्चिमी द्वारों के बाहर और बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच स्थित सड़क पर अवरोधक लगाये गये।

पुलिस ने बताया कि छात्रों ने इन बैरिकेड को तोड़ दिया और पूर्वान्ह्र लगभग साढ़े 11 बजे एआईसीटीई की तरफ मार्च करने लगे। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। छात्रों पर पानी की बौछारें भी की गई। हाथों में तख्तियां लेकर छात्रों ने ''दिल्ली पुलिस वापस जाओ'' जैसे नारे लगाये और कुलपति एम जगदीश कुमार के खिलाफ भी नारेबाजी की।

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं आ पा रहे थे। मंत्री छात्रों से मिले। हालांकि छात्रों की कुलपति से मुलाकात नहीं हो सकी। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे,'' हम कुलपति से मिलना चाहते हैं।''

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छात्रसंघ नेता ए घोष ने कहा, ''हमारे लिए यह ऐतिहासिक दिन है कि हमने बैरिकेड तोड़ दिये और कार्यक्रम स्थल पहुंचे और मंत्री से मुलाकात की।''

उन्होंने कहा, ''हमारा आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। हम एचआरडी मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे कुलपति से छात्रों से बातचीत करने को कहे।''

एचआरडी मंत्री ने वादा किया कि छात्र संघ को बैठक के लिए मंत्रालय बुलाया जायेगा। छात्र कुलपति से मिलना चाहते थे और उनकी मांग थी कि मसौदा छात्रावास नियमावली को वापस लिया जाये जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है।

छात्रों ने बताया कि सुबह शुरु हुआ यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थसारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्र संघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का ही हिस्सा है।

छात्रों का कहना है कि वे 15 दिन से विरोध कर रहे हैं, लेकिन कुलपति हमसे बात करने को तैयार नहीं हैं। छात्रावास एवं अन्य फीस में इतनी बढ़ी वृद्धि के बाद गरीब छात्र यहां कैसे पढ़ सकेगा।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.