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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के हालिया बयानों पर तंज कस्ते हुए कहा कि वे उनके बयानों को लेकर शर्मिंदा हैं.

अब्दुल्ला ने यह भी कहा की नरेंद्र मोदी को हर छोटे और मामूली मसले पर बोलने से भी बचना चाहिए और उनके व्यव्हार से प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम हो रही है.

इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी जैसा सहनशील बनने की सलाह दी, ताकि सभी लोग उन्हें (मोदी को) स्वीकार कर सकें. नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) प्रमुख ने बीजेपी पर विभाजनकारी एजेंडा पर आगे बढ़ने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने दावा किया, 'जब(जवाहरलाल) नेहरू ने पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था, तब उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि भविष्य में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आएगी जो देश को बांटने की कोशिश करेगी. अंग्रेजों ने इसे (देश को) भारत एवं पाकिस्तान में बांट दिया और यदि सत्तारूढ़ पार्टी अपने विभाजनकारी एजेंडा पर आगे बढ़ती रही तो देश के टुकड़े - टुकड़े हो जाएंगे.'

फारूक ने कहा कि बीजेपी दावा करती है कि भगवान राम उनके हैं लेकिन धर्मग्रंथों के मुताबिक,'भगवान राम समूचे ब्रह्मांड के हैं और केवल हिंदुओं के नहीं हैं.

उन्होंने मोदी को वाजपेयी जैसा सहनशील बनने की सलाह देते हुए कहा, 'वह (मोदी) प्रधानमंत्री हैं. उन्हें उस स्तर तक उठना होगा और छोटे -मोटे मुद्दों में नहीं उलझना होगा. कभी - कभी उनके बयानों के लिए मुझे अफसोस होता है.'

फारूक ने कहा, 'कृपया सहिष्णुता की भावना सीखिए प्रधानमंत्री साहिब. यदि आपको यह देश चलाना है तो आपको सहनशील बनना पड़ेगा और अन्य लोगों द्वारा अपनी स्वीकार्यता सुनिश्चित करनी होगी. यदि आपको यह देश चलाना है तो सब को साथ लेकर चलना होगा. वाजपेयी जी की तरह सहनशील बनिए. '

उन्होंने दावा किया कि देश नेहरू के चलते ही आज एकजुट है. उन्होंने यह भी कहा कि संघर्षों का हल युद्ध नहीं है.

फारूक ने कहा, ''हम अपने - अपने घरों में सुरक्षित रहेंगे लेकिन जवान अपनी जान गवाएंगे. हमें चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध करने की जरूरत नहीं है. हम चाहते हैं कि वे देश भी तरक्की करें और समृद्ध बनें.''