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सीआरपीएफ ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के लखनऊ के हालिया दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं हुई। साथ ही बल ने प्रियंका गांधी को स्कूटर पर पीछे बैठकर यात्रा करके सुरक्षा मानकों के उल्लंघन का दोषी भी ठहराया।

सीआरपीएफ ने एक बयान में कहा है कि कांग्रेस नेता ने पूर्व सूचना के बिना यात्रा की, इसलिए अग्रिम सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जा सके। बल प्रियंका गांधी को मिली 'जेड प्लस' सुरक्षा घेरे के तहत उन्हें सशस्त्र कमांडो मुहैया कराता है। बल के महानिरीक्षक (खुफिया और वीआईपी सुरक्षा) पी के सिंह के नाम से जारी बयान में कहा गया है, ''अधिकारियों द्वारा सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई।" उस समय हजरतगंज के सीओ अभय मिश्रा सुरक्षा अधिकारी थे।

प्रियंका गांधी के कार्यालय ने 28 दिसंबर को सिंह के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि लखनऊ में पुलिस के सर्किल अधिकारी (सीओ) ने उनके सुरक्षाकर्मियों को धमकी दी और उस दिन आवाजाही को सीमित रखने के लिए चेताया। बयान में कहा गया है प्रियंका गांधी ने सीआरपीएफ के दल को उस दिन "केवल एक कार्यक्रम" के बारे में बताया था, जो उनके स्थानीय प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) कार्यालय में पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में था।

सीआरपीएफ ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए अग्रिम सुरक्षा इंतजाम किए गए थे और राज्य सरकार के अधिकारियों को इस बारे में बताया गया था। बल ने आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी जहां रुकीं थीं, वहां सुबह आठ बजे उत्तर प्रदेश पुलिस के सीओ मिलने पहुंचे तो कांग्रेस नेता के निजी कर्मचारियों ने उन्हें उस दिन के कार्यक्रम की विस्तृत सूचना नहीं दी।

बल ने कहा कि प्रियंका गांधी की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई, हालांकि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर जाने के लिए जब उन्होंने दोपहिया वाहन की सवारी की तो उस दौरान कम से कम तीन "सुरक्षा नियमों का उल्लंघन" हुआ। इसमें कहा गया कि यात्रा के दौरान उन्होंने बिना निजी सुरक्षा अधिकारी के उस वाहन का इस्तेमाल किया जो बुलेट रोधी नहीं था।

इस बयान के अनुसार प्रियंका ने स्कूटी पर लिफ्ट ली, वह स्कूटी पर पीछे बैठ कर चली गईं, जबकि सुरक्षा अवरोध के बावजूद, बल ने कांग्रेस नेता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई। उसने कहा, ''सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सुरक्षा में ऐसी चूक की जानकारी दे दी गई है और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त सुनिश्चित करने की सलाह भी दी गई है।''

प्रियंका गांधी 28 दिसंबर को लखनऊ में थीं और उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उनके सुरक्षा कर्मियों को धमकियां दीं तथा उन्हें आगे न जाने की चेतावनी दी गई।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.