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गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में तेजी से हुए राजनीतिक घटनाक्रम में बदलाव के बाद बीजेपी आलाकमान ने प्रमोद सावंत को मनोहर पर्रिकर का उत्‍तराधिकारी चुना. प्रमोद सावंत राज्‍य के नए मुख्‍यमंत्री चुने गए और उनका शपथ ग्रहण समारोह सुर्खियों में रहा. सोमवार को दिन भर चली गहमागहमी के बाद सावंत के नाम पर मुहर लगी. हालांकि उनके नाम पर सहमति बनाने में बीजेपी आलाकमान और खासकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को काफी मेहनत करनी पड़ी. रात्रि 1.50 बजे प्रमोद सावंत को राज्‍यपाल मृदुला स‍िन्‍हा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

रात्र‍ि 1.46 बजे राज्‍यपाल मृदुला सिन्‍हा दरबार हॉल पहुंचीं. राष्‍ट्रगान के बाद शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ. सबसे पहले प्रमोद सावंत ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. उन्‍होंने कोंकणी भाषा में शपथ ली. प्रमोद सावंत के बाद गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने मंत्र‍िपद की शपथ ली. उनके बाद महाराष्‍ट्रवादी गोमांतक पार्टी के सुदिन धवलीकर ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. विजय सरदेसाई और सुदिन धवलीकर राज्‍य के नए डिप्‍टी सीएम होंगे.

इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्‍यमंत्री प्रमोद सावंत के अलावा 11 और विधायकों ने मंत्र‍िपद की शपथ ली. मंत्र‍िपद की शपथ लेने वाले विधायकों में मनोहर अजगांवकर, रोहन खवटे, जयेश सलगांवकर, विश्‍वजीत राणे, मावेन गुडीनो शामिल रहे. गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीनो विधायकों ने मंत्र‍िपद की शपथ ली. इनके अलावा गोविंद गावड़े, विनोद पालेकर, मिलिंद नाइक और नीलेश कोबराल ने मंत्र‍िपद की शपथ ली.

इससे पहले सोमवार को अपने सहयोगी दलों के साथ हुई कई बैठकों के बाद भाजपा राज्य में इस गतिरोध को दूर करने में सफल रही. दिन भर बीजेपी अपने सहयोगियों को मनाती रही. पहले कहा गया कि रात 9 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा, फि‍र कहा गया कि ये समारोह रात 11 बजे होगा. इसके बाद रात डेढ बजे ये शपथ ग्रहण समारोह हुआ. करीब 8 घंटे की मैराथन बैठकों के बाद बीजेपी किसी तरह अपने राज्‍य को बचाने में कामयाब रही.

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पर्रिकर जब मुख्यमंत्री थे तो उस समय (उपमुख्यमंत्री पद) की इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी. भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ''हम गठबंधन के सहयोगियों को राजी करने में सफल रहे और राज्य के लिए दो उपमुख्यमंत्रियों के फार्मूले को अंतिम रूप दिया.' केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार की शाम को कहा था कि गोवा के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के बीच आम राय नहीं बन पाई है.

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन और तीन निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा विधायकों की बैठक रविवार देर रात से अब तक कई बार हो चुकी थी ताकि पर्रिकर के उत्तराधिकारी पर आम राय बनाई जा सके. चर्चा की अगुवाई के लिए गडकरी सोमवार की सुबह गोवा पहुंचे थे. पर्रिकर एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें भाजपा, जीएफपी, एमजीपी और तीन निर्दलीय शामिल थे.

इस समय कांग्रेस 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है. चालीस सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 12 विधायक हैं. भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन तथा रविवार को पर्रिकर के निधन और पिछले वर्ष कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर तथा दयानंद सोप्ते के इस्तीफों के कारण विधानसभा की क्षमता घटकर अब 36 हो गई है.

गोवा कांग्रेस के सभी विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की और तटीय राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया. विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में सभी 14 कांग्रेसी विधायक राजभवन गए और सिन्हा को यह कहते हुए एक पत्र सौंपा कि उनकी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

गोवा के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए तैयार प्रमोद सावंत ने सोमवार की रात को कहा कि उनकी पार्टी भाजपा ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. वर्तमान में गोवा विधानसभा के अध्यक्ष सावंत ने पत्रकारों से इस बात की पुष्टि की कि नई सरकार में दो उपमुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने उन्हें राजनीति में लाये जाने का श्रेय दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को दिया.