8 मई 2013 को भारत के आगरा स्थित ताज महल का दक्षिण से नजारा.
8 मई 2013 को भारत के आगरा स्थित ताज महल का दक्षिण से नजारा.डेनियल बेयरहुल्क/गेटी इमेजेज

भारत का सफेद-संगेमरमर से बना ताजमहल दिन-प्रतिदिन पीला और हरा होता जा रहा है क्योंकि 17वीं शताब्दी का बना यह मकबरा देश के आठवें सबसे प्रदूषित शहर की गंदी आबोहवा में खड़ा है.

दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताज महल फिलहाल कचरे से भरी नदी के किनारे स्थित है जो अक्सर देश के उत्तरी शहर आगरा के वाहनों और ब्लीचिंग की चिमनियों से निकले धूल और धुंए के गुबार से घिरा रहता है.

पर्यावरण के मुद्दों से जुड़े एक अधिवक्ता ने उच्चतम न्यायालय को अवगत करवाया कि शहर की गंदगी को अपने में समेटने वाली यमुना नदी से निकलकर छोटे कीड़े रेंगते हुए ताज महल में पहुंच जाते हैं और उनका मलमूत्र संगमरमर को और अधिक धुंधला बना देता है.

अदालत ने भी मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी की याद में बनवाए गए इस मकबरे को संरक्षित करने के लिये उचित कदम न उठाये जाने को लेकर सरकार की निंदा की.

पिछले तीन दशकों से ताज महल को प्रदूषण से बचाने की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता एम.सी. मेहता ने बताया, ''अगर भारतीय वैज्ञानिक और संरक्षणवादी इस दिशा में कुछ ठोस करने में नाकामयाब रहते हैं तो सरकार को विदेशी वैज्ञानिकों और संरक्षवादियों से संपर्क करने को तैयार रहना चाहिये जो खुशीखुशी यहां आकर यह काम करने को तैयार होंगे.''

संरक्षणकर्ता सफेद संगमरमर को साफ करने के लिये मिट्टी के खनिज के लेप का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह सतह पर मौजूद अशुद्धियों को सोखकर खींचता है जिसके बाद इसे पानी से धोया जा सकता है.

इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि आगरा का गिरता भूगर्भ जल का स्तर इसकी लकड़ी की नींव को भी कमजोर करेगा. इसके अलावा प्रदूषण फैलाते वाहनों से अटी सड़के और मकबरे के आसपास निरंतर चल रहा निर्माण का कार्य उनकी प्रमुख चिंताएं हैं.

ताज के पीछे यमुना नदी के किनारे प्लास्टिक के थैले और कचरे का ढेर देखा जा सकता है और कुछ ही दूरी पर चिमनियों से निकलता धुंआ. इसके अलावा ताज परिसर के बाहर लोगों के समूह को श्मशान घाट में मृत लोगों की चिताओं का संस्कार करत हुए भी देखा जा सकता है.

रंग में यह परिवर्तन कोई रातों-रात नहीं हुआ है. पर्यावरणविद और इतिहासकार काफी समय से हाथीदांत स्मारक के नाम में मशहूर इस मकबरे को कारखानों और रंगाई टेनरीज से निकलने वाले धुंए और धुंध से होने वाले खतरे को लेकर आगाह करते आए हैं.

इस स्मारक का दौरा करने वाले पर्यटकों का कहना है कि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि इसे संरक्षित करने के उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे.

अर्जेंटीना से आए एक पर्यटक फ्रांसेस्को ने कहा, ''मेरे ख्याल से ताज महल भारत के सबसे बड़े स्मारकों में से एक है और मुझे लगता है कि शहर को और अधिक बेहतर और स्वच्छ होना चाहिये और सरकार को भी इस दिशा में कुछ करना चाहिये, क्योंकि आपको पता होना चाहिये ऐेसा होना बहुत शर्मनाक बात है.''