अक्षय कुमार
अक्षय कुमारआईएएनएस

ऐसे समय में जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर चहुंओर विरोध का सामना कर रही है, बाॅलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार इसी मुद्दे से जुड़े अपने एक पुराने टवीट को डिलीट करने को लेकर बुरी तरह ट्रोल हो रहे हैं.

2012 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान खिलाड़ी कुमार ने आम लोगों की चिंताओं को प्रतिबिंबित करते हुए ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर एक ट्वीट किया था. उनके ट्वीट का मजमून था, ''दोस्तों, मुझे लगता है कि अब अपनी साईकिलों को साफ करके सड़क पर उतरने का समय आ गया है! सूत्रों के अनुसार, पेट्रोल के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी की उम्मीद.''

अब जब मोदी-विरोधी धड़ा इसी बात को लेकर मौजूदा सरकार को घेर रहा है तो जाहिर है अक्षय ने खुद को एक असहज स्थिति में पाया. ऐसा माना जाता है कि अभिनेता के प्रधानमंत्री के साथ अच्छे संबंध है और वे मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को भी आगे बढ़ाने में मदद करते हैं.

एक ट्विटर पैरोडी एकाउंट ने पैडमैन कलाकार के 2012 के ट्वीट को उनके ही शब्दों में उनका मजाक उड़ाते हुए रिट्वीट किया, ''अक्षय सर, बड़ा प्रशंसक! क्या आप मुझे अपनी साईकिल देंगे? मैं उसकी सफाई कर लूंगा.''

इसके बाद ट्रोल की एक पूरी फौज ने उनपर हमला बोल दिया क्योंकि अक्षय ने उक्त ट्वीट को डिलीट कर दिया. उनके द्वारा मौजूदा कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ एक भी शब्द न बोलना और पुराने ट्वीट को चुपचाप डिलीट कर देना कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को बेहद अखरा.

हालांकि अक्षय ही नहीं बल्कि यूपीए सरकार के दौरान ईंधन की बढ़ती कीमतों पर मुखर रहने वाले कई बाॅलीवुड कलाकार मौजूदा बढ़ोतरी को लेकर चुप रहने के चलते ट्रोल हो रहे हैं. उनके अलावा अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, विवेक अग्निहोत्री सहित कई अन्य सोशल मीडिया पर विरोध का सामना कर रहे हैं.

दूसरी तरफ अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना एक और ऐसी मशहूर शख्सियत हैं जो विभिन्न कारणों के चलते अक्सर ट्रोलों के निशाने पर रहती हैं. हालांकि उन्होंने हाल ही में आईएएनएस को बताया कि वे ट्रोल पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देती और उन्हें विश्वास है कि यही उन्हें भुगतने का श्रेष्ठ तरीका है.

इस बीच अक्षय और उनकी पत्नी हाल के समय में फिल्म रुस्तम में अक्षय द्वारा पहनी गई नौसेना अधिकारी की वर्दी की नीलामी करने को लेकर सुर्खियों में थे. कई मौजूदा और सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों ने उनके इस कदम को देश के सुरक्षा बलों के सम्मान के विरुद्ध बताते हुए इसका विरोध किया था.