Reuters

लंबे समय से बीमार चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया है. बीते 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, तब से वह आईसीयू में भर्ती थे. उन्होंने दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर अंतिम सांस ली. किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली सॉफ्ट टिशू कैंसर से पीड़ित थे.

रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को उनका डायलिसिस किया गया था. शुक्रवार को उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती एम्स पहुंची थीं. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित कई वरिष्ठ नेता जेटली को देखने एम्स जा चुके हैं.

Twitter / @ANI

बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. पिछले कुछ महीनों में वित्त मंत्री अरुण जेटली की सेहत लगातार गिर रही है.

जेटली के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही था। यही वजह है कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। उन्हें सॉफ्ट टिशू सरकोमा था, जो एक प्रकार का कैंसर होता है। बता दें कि जेटली पहले से डायबिटीज के मरीज थे। उनका किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका था।सॉफ्ट टिशू कैंसर की भी बीमारी का पता चलने के बाद वह इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे। उन्होंने मोटापे से छुटकारा पाने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी भी करा रखी थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे.

पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे. उनके पास वित्त और रक्षा का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे. खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा.

पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था. उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी. पिछले साल अप्रैल की शुरुआत से ही वह कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए. लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी करायी थी.