पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति राजाराम यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया है. गाजीपुर में यूनिवर्सिटी के संबंधित कॉलेज के कार्यक्रम के दौरान राजाराम यादव ने छात्रों को कहा कि रोते हुए मेरे पास मत आना, किसी का मर्डर करके आना इसके बाद हम देख लेंगे.
राजाराम यादव ने कहा, ' अगर आप पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो, तो रोते हुए मेरे पास मत आना. एक बात बता देता हूं. अगर किसी से झगड़ा हो जाए. तो उसकी पिटाई करके आना' वाइस चांसलर साहब यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, 'और तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर करके आना उसके बाद हम देख लेंगे.'
#WATCH Purvanchal University Vice-Chancellor Raja Ram Yadav at a seminar in the University in Ghazipur: If you’re a student of this University, never come crying to me. If you ever get into a fight, beat them, if possible murder them, we’ll take care of it later. (29.12.18) pic.twitter.com/omFqXN55z9
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2018
बता दें कि वह गाजीपुर में सत्यदेव कॉलेज परिसर के प्रांगण मे सत्यदेव डिग्री कॉलेज एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज अध्यात्मपुरम के संयुक्त तत्वाधान मे एक राष्ट्रीय संगोष्ठी 'उच्च शिक्षा की चुनौतियां' विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
सेमिनार के दौरान पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति ने छात्रों को आह्वान करते हुए विवादित बयान दिया, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. कुलपति राजाराम यादव ने कहा, 'युवा छात्र वही होता है, जो पर्वत की चट्टानों में पैर मारता है तो पानी की धार निकलती है उसी को छात्र कहते हैं. छात्र अपने जीवन में जो संकल्प लेता है उस संकल्प को अपनी आंखों से पूरा करता है, उसी को पूर्वांचल विश्वविद्यालय का छात्र कहते हैं.'
राजाराम यादव ने कहा, 'अगर आप पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो रोते हुए कभी मेरे पास मत आना एक बात बता देता हूं. अगर किसी से झगड़ा हो जाए तो उसकी पिटाई करके आना और तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर करके आना, जिसके बाद हम देख लेंगे.' कुलपति राजाराम यादव द्वारा दिए गए इस बयान के बाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस बयान की लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं.
बता दें, साल 2017 में ही यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने राजाराम यादव को पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का वीसी बनाया था. इससे पहले राजाराम यादव इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फिजिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर थे.
विवाद बढ़ने के बाद सफाई देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं छात्रों के अंदर उत्साह-संवेदना जगाने के साथ उन्हें किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बहादुर बनाने के उद्देश्य से साहित्यिक जोश भर रहा था. मैंने छात्रों को बहादुर बनने का तर्क दिया कि किसी छात्र को कहीं भी, कोई भी समस्या होती है, अगर वह गलत नहीं है तो उस हालत में लड़ना भी गलत नहीं होगा. अपने अधिकारों के लिए पीछे नहीं हटना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'बुराइयों का नाश करने के लिए मर्डर करने जैसी स्थिति हो, ऐसे में छात्र डिगे नहीं, पीछे हटे नहीं.'
कुलपति प्रफेसर राजाराम यादव ने कहा कि मेरे बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश करना गलत है. उन्होंने कहा कि मीडिया शुरू से लेकर अंत तक बयानों को सुनेगा तो उसका सीधा मतलब समझ में आ जाएगा. उन्होंने कहा, 'जैसे कवि और साहित्यकार अपने बयान में लोगों पर तंज कसते रहते हैं, मेरा उसी तरह छात्रों पर उद्देश्य था. साहित्यिक वीर रस से सराबोर सम्बोधन मैंने छात्रों के हौसला अफजाई के लिए दिया. वह एक तंज था, उस बयान को सीधा मर्डर से जोड़ना मेरी तनिक भी मंशा नहीं थी. उसे गंभीरता से पेश किया जाना सरासर गलत है.'
साथ ही कुलपति ने कहा, 'मैं आज भी अटल हूं और छात्रों को विषम परिस्थितियों में बहादुर बनाने के लिए जोश भरता रहूंगा. ताकि वे शिक्षा के प्रति युद्ध जैसे हालात पर अपने को तैयार कर सकें.'
बता दें, इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कुलपति के बयान पर नाराजगी जताई है और कहा है कि ऐसे वीसी को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने छात्रों को 'मर्डर' करके आने की सीख देने के मामले में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति से अपना पक्ष रखने को कहा है. राज्य के उप मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रफेसर राजा राम यादव से बयान पर अपना पक्ष रखने को कहा है. यादव के बयान पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं. एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति शायद मुख्यमंत्री की 'ठोको' वाली भाषा सीखकर बोल रहे हैं.