-
ANI

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली और दबंगों से परेशान मुस्लिम परिवारों ने धर्म परिवर्तन करने की इजाजत मांगी. इसके बाद अब उनमें से 13 लोगों ने मंगलवार को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार यज्ञ पूजन के बाद अपना नामकरण किया. सिंघावली अहीर क्षेत्र के बदरखा गांव में शिव मंदिर में ये नामकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान युवा हिन्दू वाहिनी के लोग भी मौजूद रहे.

मंगलवार को धर्म परिवर्तन की रस्म के दौरान जय श्रीराम और हर हर महादेव के जयकारे खूब लगे. इस दौरान वंदे मातरम भी गाया गया. दिलचस्प बात यह है कि इस कार्यक्रम से पुलिस और प्रशासन ने दूरी बनाए रखा. इससे पहले सोमवार को कागजी कार्यवाही पूरी कर ली गई थी. हवन-पूजन से पहले वेदी बनाई गई, नवग्रह की पूजा अर्चना कराई गई और फिर तिलक कर हवन शुरू कराया गया. इसके बाद धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम संपन्न हुआ.

अख्तर अली से धरम सिंह बनने के बाद उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर भी आरोप लगाया. धर्मपरिवर्तन के बाद धरम सिंह ने कहा, "मेरा नाम अख्तर अली था. मैंने अपना धर्म बदल लिया है क्योंकि पुलिस ने हमारे केस की निष्पक्षता से जांच नहीं की. इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय भी हमारे पक्ष में खड़ा नहीं हुआ. मोदी के इंडिया में मुस्लिमों के साथ निष्पक्ष व्यवहार नहीं किया जा रहा है."

बता दें मुस्लिम परिवार के 20 लोगों ने सोमवार को एसडीएम बड़ौत को एफिडेविट देकर स्वेच्छा से इस्लाम धर्म को छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने की मांग की थी. इसके बाद से ही हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मंगलवार को पीड़ितों के गांव में हवन यज्ञ कर रीति-रिवाज के साथ नामकरण आयोजन में सक्रिय हो गए थे. उधर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आने से जिले के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है और बागपत के डीएम ने पूरे मामले को लेकर उच्चस्तरीय जांच बैठा दी है.

मामला छपरौली थाना क्षेत्र के बदरखा गांव का है. गांव के ही रहने वाले अख्तर अली का बेटा कपड़े का व्यापार करता था. जुलाई माह में उनके बेटे गुलहशन अली का शव उनकी ही दुकान में खूंटी पर लटका हुआ मिला था. परिजनों का आरोप था कि मुस्लिम समाज के ही कुछ दबंगों ने उसकी हत्या करने के बाद शव को खूंटी पर लटका दिया था लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और हत्या को आत्महत्या में दर्ज कर शव को जबरन दफन करवा दिया.

इसकी शिकायत पीड़ितों ने जिले के आला अधिकारियों से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़ितों ने धर्म परिवर्तन करने का फैसला लिया.

बदरखा गांव के अख्तर अली और उनके परिवार का कहना है कि इस्लाम धर्म में रहकर अपने बेटे को न्याय नहीं दिला सकते क्योंकि मुस्लिम धर्म के दबंगों ने ही हमारे बेटे की हत्या की है. अभी भी पूरे परिवार का जीना मुहाल कर रखा है. दबंग आरोपी आए दिन परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. जिसकी दहशत में पीड़ितों ने अपना गांव छोड़ दिया है. इस वजह से उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला किया है. उन्हें भरोसा है कि हिन्दू धर्म में रहकर ही न्याय मिल सकता है.