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IANS

मोदी सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों पर हुए खर्च का ब्योरा सामने आ गया है. जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं यानी 2014 से अब तक पीएम मोदी के विदेश दौरे पर करीब 2 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. सरकार ने संसद में जो सूचना मुहैया कराई है, उसके मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून 2014 से विदेश यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर कुल 2,021 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

अपने साढ़े चार से ज्यादा समय के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 48 विदेश यात्राएं की हैं जिसका खर्च 2,021 करोड़ रुपये आया है. उनके मुकाबले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 38 विदेश यात्रा की थीं. पीएम मोदी के चार्टर्ड विमान को किराए पर लेने का खर्चा 429.28 करोड़ रुपये रहा. यह राशि मनमोहन सिंह से केवल 64 करोड़ रुपये कम है. यह आंकड़े राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने दिए. यदि विदेश यात्रा और विमान के खर्च को जोड़ दिया जाए तो कुल राशी 2,450 करोड़ रुपये हो जाती है.

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने साल 2014 और 2018 के बीच प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गये विदेशी दौरों की भी जानकारी दी. उन्होंने उन टॉप 10 देशों की भी जानकारी दी, जहां से भारत को अधिकतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या एफडीआई आमद प्राप्त हुआ है.

मोदी सरकार में मंत्री वीके सिंह ने कहा कि 2014 में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 30,930.5 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2017 में 43478.27 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया.

केंद्रीय मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, यूपीए-2 के दौरान 2009-10 से 2013-14 तक मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,346 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने मनमोहन सिंह के आधिकारिक विदेश दौरों से संबंधित सवालों के जवाब में यह जानकारी दी, जिसमें पूछा गया कि आखिर 2009 से 2014 तक मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के रूप में कितने खर्च हुए और 2014 के बाद से पीएम मोदी के विदेश दौरों में कितने खर्च हुए.

पीएम मोदी के विदेश यात्रा का खर्च पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से ज्यादा हो सकता है क्योंकि मंत्रालय ने कहा है कि उसे मई से लेकर नवंबर तक इस साल की गई यात्राओं का बिल नहीं मिला है. इसमें नेपाल (मई), रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका (जुलाई) और मालदीव (नवंबर) की यात्रा शामिल हैं. राज्यसभा में कांग्रेस सासंद संजय सिन्ह ने दोनों पीएम की विदेश यात्राओं पर हुए खर्च, उनके साथ कितने लोग गए थे इसका विस्तारपूर्व ब्यौरा मांगा था.

जवाब के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर विमान के रखरखाव पर खर्च हुए 375.29 करोड़ रुपये बकाया हैं. पीएम मोदी के कार्यकाल में विमान के रखरखाव का खर्च पूर्व पीएम की तुलना में 731.58 करोड़ रुपये ज्यादा रहा. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विमान के रखरखाव पर 842.6 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जबकि पीएम मोदी के शासन में 1,574.18 करोड़ रुपये का खर्च आया है.

आंकड़ों के मुताबिक, 15 जून 2014 और 3 दिसंबर 2018 की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर कुल 1,583.18 करोड़ रुपये और चार्टर्ड विमानों पर 429.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वहीं, हॉटलाइन सुविधाओं पर 9.11 करोड़ रु खर्च हुए. बता दें कि वीके सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण में 2017-18 और 2018-19 में पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान हॉटलाइन सुविधाओं पर खर्च शामिल नहीं है.

आंकड़ों के मुताबिक, 2014-15 में विदेशी दौरों के लिए चार्टर्ड विमानों पर लागत रु 93.76 करोड़ थी, जबकि 2015-16 में यह 117.89 करोड़ रु हो गया. वहीं 2016-17 में 76.27 करोड़ और 2017-18 में 99.32 करोड़ रुपये हो गया. दरअसल, मई 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद से पीएम मोदी ने 48 विदेश यात्राओं में 55 से अधिक देशों का दौरा किया.

हाल ही में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह कभी मौन प्रधानमंत्री नहीं रहे. अपनी विदेश यात्राओं के दौरान वह लंबी प्रेसवार्ता किया करते थे, जिसमें भारतीय पत्रकारों का एक दस्ता उनके साथ चला करता था. राज्यसभा में दिए जवाब के अनुसार पीएम मोदी पत्रकारों के एक बहुत छोटे समूह को अपने साथ लेकर जाते हैं. पहले साल में पीएम मोदी केवल न्यूज एजेंसियों जैसे कि पीटीआई, एएनआई और यूएनआई के पत्रकारों को लेकर गए थे. 2016 में केवल इस एजेंसी के फोटो पत्रकारों को साथ जाने की इजाजत थी और 2017 में पीटीआई के फोटो पत्रकारों को हटा दिया गया.