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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 16 सुरक्षाकर्मियों की जान लेने वाले नक्सली हमले की कड़ी निंदा करते हुए इस हमले को "घृणित" बताया और कहा कि ऐसा जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, "महाराष्ट्र के गढ़चोई में हमारे सुरक्षाकर्मियों पर हुए घृणित हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं सभी बहादुर कर्मियों को सलाम करता हूं। उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। मेरे विचार और एकजुटता शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। इस तरह की हिंसा करने वाले अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।"

गौरतलब है कि बुधवार 1 मई को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमले में 15 जवान शहीद हो गए। नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में क्विक रिस्पॉन्स टीम को ले जा रहा वाहन चपेट में आ गया था। इस हमले में निजी बस का ड्राइवर भी मारा गया है।

बता दें कि कुरखेड़ा तहसील के दादापुरा गांव में नक्सलियों ने 36 वाहनों को आग लगा दी थी, उसके बाद क्विक रिस्पॉन्स टीम के कमांडो घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे। ये कमांडो नक्सलियों का पीछा करते हुए जंबुखेड़ा गांव की एक पुलिया पर पहुंचे, जहां नक्सलियों ने विस्फोट के जरिए जवानों पर हमला कर दिया गढ़चिरौली में यह धमाका घने जंगलों के बीच हुआ है। धमाके के बाद पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग भी हुई। अभी इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में शांति पूर्ण और बढ़-चढ़कर हो रहे मतदान से नक्सली भड़के हुए थे, जिसके चलते उन्होंने आईईडी ब्लास्ट को अंजाम दिया। इससे पहले महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में ही नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी थी।

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि गढ़चिरौली C-60 फोर्स के 15 जवान इस हमले में शहीद हो गए हैं। उन्होंने कहा, 'मैं शहीद के शोक संतप्त परिवारवालों के लिए संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य के डीजीपी और गढ़चिरौली एसपी के संपर्क में हूं।'

महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि नक्सलियों के हमले में 15 जवान शहीद हो गए और एक ड्राइवर की भी मौत हो गई। इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी है और हमारे पास क्षमता भी है। प्रभावित इलाके में ऑपरेशन किया जा रहा है। नक्सलियों ने बेहद कायरतापूर्ण हमला किया। इंटेलिजेंस फेल्योर शब्द देना ठीक नहीं है। इस तरह की घटना में हमारी तरफ से सतर्कता बरतनी होती है। हमारी कोशिश रहेगी कि आगे ऐसा हमला न हो।

नक्सल खतरों को ध्यान में रखते हुए 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान शामिल होते हैं। यह काम गढ़चिरौली के तब से एसपी के.पी. रघुवंशी ने किया था। सी-60 में शामिल पुलिसवालों को गुरिल्ला युद्ध के लिए भी तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है। इस फोर्स को महाराष्ट्र की उत्कृष्ट फोर्स माना जाता है। रोजाना सुबह खुफिया जानकारी के आधार पर यह फोर्स आसपास के क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देती है। सी-60 के जवान अपने साथ करीब 15 किलो का भार लेकर चलते हैं, जिसमें हथियार के अलावा, खाना, पानी, फर्स्ट ऐड और बाकी सामान शामिल होता है।

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Twitter / @ANI

इससे पहले बुधवार को ही गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के कम से कम तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी। यह घटना सुबह उस वक्त घटी जब राज्य का स्थापना दिवस 'महाराष्ट्र दिवस' मनाने की तैयारी की जा रही थी। नक्सली पिछले साल 22 अप्रैल के दिन सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए अपने 40 साथियों की मौत की पहली बरसी मनाने के लिए एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के अंतिम चरण में थे। गढ़चिरौली में ही जिन वाहनों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया, उनमें से ज्यादातर अमर इंफास्ट्रक्चर लिमिटेड के थे, जो दादापुर गांव के पास एन एच 136 के पुरादा-येरकाड सेक्टर के लिए निर्माण कार्यों में लगे थे।

घटनास्थल से भागने से पहले नक्सलियों ने पिछले साल अपने साथियों की हत्या की निंदा करते हुए पोस्टर और बैनर भी लगाए। नक्सलियों ने जाने से पहले दो जेसीबी, 11 टिप्पर, डीजल और पेट्रोल टैंकर्स, रोलर्स, जेनरेटर वैन और दो स्थानीय कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया।