सांकेतिक तस्वीरसिक्योरटीम10:यूट्यूब

नई दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी निवास पर 7 जून को हुई एक असामान्य घटना में सुरक्षा अधिकारियों को आसमान में घूमती एक अज्ञात उड़नतश्तरी (यूएफओ) को आसमान में उड़ते देखे जाने के बाद सतर्क किया गया.

इस अजीबोगरीब घटना के घटित होते ही सुरक्षा संबंधी खतरों की आशंका ने जन्म लिया और तुरंत खोज अभियान प्रारंभ किया गया. हालांकि, खोज अभियान के बाद कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला, और परिधि के सुरक्षा अधिकारी ने दिल्ली पुलिस को ''ओके रिपोर्ट'' दी.

यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह घटना पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के प्रयासों की साजिश का खुलासा किये जाने के चंद रोज बाद ही घटित हुई है. प्रधानमंत्री निवास के चारों तरफ का 2 किलोमीटर की परिधि का क्षेत्र नो फ्लाईंग जोन है.

दिल्ली पुलिस के विशेष उपायुक्त दीपेंद्र पाठक ने यूएफओ के देखे जाने की पुष्टि की और स्पष्ट किया कि सुरक्षा कारणों के चलते अधिक विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है.

दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर मधुर वर्मा ने सीएनएन न्यूज़18 को बताया कि आसमान में दिखाई दी गई वस्तु एक ड्रोन भी हो सकती है.

मधुर वर्मा ने सीएनएन न्यूज़18 से कहा, ''हमनें इस मामले में कोई एफआईआर नहीं दर्ज की है. यह एक ड्रोन भी हो सकता है, जो आजकल काफी आम है. मैं इससे अधिक जानकारी का खुलासा नहीं कर सकता.''

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसमान में ड्रोन की तैनाती, विशेषकर संसद भवन और प्रधानमंत्री निवास के आसपास के क्षेत्रों जैसे प्रमुख इलाकों में, ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा के खतरों को रेखांकित किया है.

इससे पहले भी, 17 सितंबर 2017 को, दिल्ली पुलिस को यूएफओ से संबंधित सूचना मिली थी, जो संभतः संसद भवन के ऊपर आसमान में उड़ता एक ड्रोन था. हालांकि, एक बेहद व्यापाक खोज अभियान के बाद पुलिस इस घटना से जुड़े किसी भी रहस्य को सुलझाने में नाकाम रही. एटीसी भी अक्सर अपने राडार के माध्यम से छोटे आकार के कारण यूएफओ का पता लगाने में विफल रहती है.