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पीएनबी स्कैम के भगोड़े मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर पेंच फंस गया है. एंटीगुआ और बारबूडा की सरकार ने साफ कर दिया है कि मेहुल चोकसी को भारत नहीं भेजा जा रहा है. एंटीगुआ के अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि भारत सरकार का कोई अधिकारी उनके देश में मेहुल चोकसी को लेने आया है. इंडिया टुडे के साथ बातचीत में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लियोनेल हर्स्ट हर्स्ट ने कहा कि मेहुल चोकसी अब एंटीगुआ का नागरिक है और वहां की सरकार उससे नागरिकता नहीं छीन सकती है.

एंटीगुआ के सैंट जॉन से इंडिया टुडे के साथ टेलिफोन पर बात करते हुए लियोनेल हर्स्ट ने कहा, "हमारी समझ में चोकसी ने अपनी भारतीय नागरिकता सरेंडर कर दी है, इसकी वजह से वह अब भारत के नागरिक नहीं हो सकते हैं, इसलिए एंटीगुआ और बारबूडा की सरकार उन्हें नागरिकता से वंचित नहीं कर सकती है क्योंकि इससे वह स्टेटलेस पर्सन बन जाएंगे और हमें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा."

बता दें कि शनिवार को आए कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय एजेंसियों ने धोखाधड़ी के केस में वांछित मेहुल चोकसी और जतिन मेहनता को वापस लाने के लिए एअर इंडिया का बोइंग विमान भेजा था. ये दोनों एंटीगुआ और किट्स में शरण लिए हुए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्हें लाने के लिए सीबीआई और ईडी के अधिकारी नॉनस्टॉप कैरेबियन द्वीप जाने वाले थे.

बता दें कि मेहुल चोकसी ने इसी सप्ताह गुयाना में भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था. मेहुल चोकसी ने अपने प्रत्यर्पण को भी एंटीगुआ की अदालत में चुनौती दी है. लियोनेल हर्स्ट ने कहा कि चूंकि ये मामला अब अदालत में है इसलिए अब राजनीतिक समझौते के दायरे से बाहर हो गया है. उसने कहा कि इस केस का निपटारा होने में लंबा समय लग सकता है क्योंकि चोकसी को अपने खिलाफ आए किसी भी फैसले के खिलाफ अपील करने का हक है. लियोनेल हर्स्ट ने कहा कि चोकसी को लंदन स्थित प्रिवी काउंसिल तक अपील करने का हक है.

बता दें कि चोकसी ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए हाई कोर्ट में कहा है कि इतनी लंबी उड़ान का उसकी सेहत पर असर पड़ सकता है. लियोनेल हर्स्ट ने कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी देते हुए कहा, " मिस्टर चोकसी ने कहा है कि भारत तक की लंबी यात्रा में उसे बेहद तकलीफ हो सकती है इसलिए वह किसी भी हालत में भारत तक यात्रा नहीं करना चाहता है, ऐसे हालात में ये मामला ऐसा हो गया है जहां अदालत को अहम रोल निभाना है, इसमें राजनीतिक नेतृत्व का रोल कम हो गया है, हमनें अदालत के सामने याचिका दी है लेकिन हमें किसी भी सूरत में अदालत से ऐसा निर्देश नहीं मिला है कि चोकसी को डिपोर्ट या प्रत्यर्पित किया जाए."

भारत द्वारा बड़े फ्लाइट भेजे जाने की खबर पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ लोग क्रिकेट के मैच देखने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट से आए हों, लेकिन हम किसी ऐसे भारतीय अधिकारी को नहीं जानते हैं तो चोकसी को अरेस्ट करने या उसे वापस लेने आया हो. बता दें कि पिछले साल जुलाई में पता चला था कि मेहुल चोकसी एंटीगुआ में रह रहा है.