पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशीReuters/Faisal Mahmood

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत की आपत्तियों पर जवाब देते हुए कहा है कि पाकिस्तानी और कश्मीरी नेता हमेशा एक दूसरे के साथ संपर्क में रहते हैं और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर के बीच टेलीफोन पर बातचीत होना कोई नई बात नहीं है।

बता दें कि भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बुधवार को पाकिस्तान के दूत सोहेल महमूद को तलब किया और उनसे कहा कि मीरवाइज के साथ कुरैशी की टेलीफोन पर बातचीत भारत की एकता को कमजोर करने के साथ और उसकी संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है।

भारत इस तरह के व्यवहार को नहीं करेगा बर्दाश्त
भारतीय विदेश मंत्रालय ने देर शाम को एक बयान में कहा कि पाकिस्तान उच्चायुक्त को आगाह किया गया है कि पाक द्वारा इस तरह के व्यवहार को आगे से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मंत्रालय ने बताया कि गोखले ने पाकिस्तानी दूत को कहा कि पाक ने इस तरह का काम करके सभी मानदंडों का उल्लंघन किया है और कुरैशी ने अलगाववादी नेता को फोन करके भारत के आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप किया है।

इसपर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बुधवार को आधी रात में एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तानी सरकार भारत के इस आपत्तियों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है।

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी और कश्मीरी नेता हमेशा एक दूसरे के साथ संपर्क में रहते हैं। यह कोई नई बात नहीं है। कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में जुड़ा है। पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को अपने राजनीतिक, राजनयिक और नैतिक समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।

कश्मीर में जारी रहेगा समर्थन
उन्होंने अपने जवाब में आगे कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और जम्मू कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुसार, कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने तक पाकिस्तान अपना समर्थन और एकजुटता बनाए रखेगा। इसपर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूरा जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और जम्मू और कश्मीर राज्य से संबंधित किसी भी मामले में पाकिस्तान को दखल देने की जरुरत नहीं है।