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ANI

पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह को वतन वापसी पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी के साथ-साथ अब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी उनके जनरल बाजवा से गले मिलने को गलत ठहराया है.

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, "जहां तक पाकिस्तान के आर्मी चीफ को गले लगाने की बात है तो वो इसके पक्ष में नहीं है. उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख के साथ स्नेह दिखाकर गलत किया."

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगे कहा की मेरे अपने रेजिमेंट ने एक मेजर और दो जवान पिछले महीने खोए और हर रोज कोई न कोई जवान गोलियों का शिकार हो रहा है. ऐसे में दोष किसका है? जो गोली चला रहा है उसका या फिर सेना प्रमुख का, जो ऑर्डर देते है, और सेना प्रमुख जनरल बाजवा हैं.

अलबत्ता पाक अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति के बगल में बैठने के मामले में उन्होंने नवजोत सिंह का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि नवजोत को यह न पता हो कि उनके बगल में कौन बैठा है और बैठने का इंतजाम भी उनके हाथों में नहीं था.

लेकिन यह नहीं हो सकता है कि उन्हें बाजवा के बारे में न पता हो, क्योंकि नाम फौजी अफसरों की वर्दी पर लिखा होता है. कैप्टन ने कहा कि जहां तक सिद्धू के इमरान खान के शपथ ग्रहण में जाने की बात है, क्रिकेट खेलने के दिनों के समय से उनके पूर्व क्रिकेटर इमरान के साथ नजदीकी संबंध हैं. वह निजी हैसियत से समागम में शामिल होने गए थे.

गौरतलब है कि विपक्ष नवजोत सिंह के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार के बजाए पाकिस्तान जाने को मुद्दा बना रहा है, लेकिन कांग्रेस नेता अब तक नवजोत सिंह का बचाव करते आ रहे थे.

पाकिस्तान से लौटते वक्त वाघा अटारी बॉर्डर पर नवजोत सिंह ने पीओक के तथाकथित राष्ट्रपति के साथ बैठने से पैदा हुए विवाद पर कहा, 'अगर आपको कहीं मेहमान के रूप में आमंत्रित किया जाए, तो आप वहीं बैठेंगे जहां आपके लिए सीट की व्यवस्था की गई हो. मैं शपथ ग्रहण समारोह में कहीं और बैठा था, लेकिन उन्होंने मुझे वहां बैठने के लिए कहा.

रविवार को भारत लौटते ही नवजोत सिंह ने शपथ ग्रहण के दौरान पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने को लेकर पैदा हुए विवाद पर कहा कि अगर कोई (जनरल बाजवा) मेरे पास आता है और कहता है कि हमारी संस्कृति एक है और हम गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर बॉर्डर खोल देंगे, तो मैं और क्या कर सकता था?