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भारतीय सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी बाहर देने के मामले में सेना के खुफिया विभाग, आइबी और यूपी पुलिस ने एक जवान को यह गिरफ्तार किया है. यह जवान मेरठ में सेना के सिग्नल में तैनात बताया जाता है. आरोपी का नाम कंचन सिंह है.

इस मामले में सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना के सिग्नल रेजिमेंट के सैनिक को जासूसी के आरोप में मेरठ छावनी में गिरफ्तार किया गया है. उससे अभी पूछताछ जारी है.हालांकि इस सेना के जवान की गिरफ्तारी ब्रह्मोस के मामले में नही हुई हैं. इसे सेना के खुफिया विभाग, आईबी और उत्तर प्रदेश के पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये जवान मेरठ में सेना के सिग्नल में तैनात था. इसका नाम कंचन सिंह है और इसपर सेना के खुफिया जानकारी बाहर देने का आरोप है.

सैनिक मेरठ छावनी में बतौर सिग्नलमैन तैनात था. आरोप है कि उसने पाकिस्तान की आईएसआई को पश्चिमी कमान बेस के तहत आने वाली डिविजन से जुड़ी तमाम जानकारियां साझा की. यह पहली बार हुआ है कि जब मेरठ छावनी से किसी जवान को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है.

बताया जाता है कि गिरफ़्तार जवान उत्तराखंड का रहने वाला है. सैनिक पिछले 10 महीने से पाकिस्तानी लोगों से संपर्क में था. पाकिस्तान के नंबरों पर लगातार बात करने से इस पर शक पैदा हुआ था. इसके बाद ही सैनिक जांच के दायरे में आ गया. करीब 3 महीने पहले आरोपी ने जब ताजा जानकारी साझा की तब आंतरिक जांच शुरू की गई.

आरोपी सैनिक तमाम जानकारी एंड टू एंड इंक्रिप्शन के जरिए भेजता था और ज्यादातर जानकारियां व्हाट्सएप पर साझा की. इस मामले में सेना के अधिकारियों ने अन्य जवानों से भी पूछताछ की है. पकड़ा गया जवान 10 साल से सेना में कार्यरत है और पूछताछ में कई लोगों के नाम भी लिए हैं. अब आरोपी के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जाएगी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) और मिलिट्री इंटेलीजेंस ने जासूसी के आरोप में कुछ दिन पहले ही रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) के सीनियर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि डीआरडीओ के सीनियर इंजीनियर निशांत अग्रवाल ने नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से अहम तकनीकी जानकारियां चोरी कर अमेरिका और पाकिस्तान को बेची है. गिरफ्तार इंजीनियर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) का एजेंट बताया जा रहा है.

इसके पहले 8 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) और मिलिट्री इंटेलीजेंस ने जासूसी के आरोप में रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) के सीनियर इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. निशांत अग्रवाल पर आरोप था कि उसने नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से अहम तकनीकी जानकारियां चोरी कर अमेरिका और पाकिस्तान को बेची है.