सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरWikimedia

भारतीय वायुसेना की बालाकोट एयर स्ट्राइक और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही बौखलाए पाकिस्तान ने पिछले महीने कुछ ऐसी हरकत की थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ सकता था। दरअसल, पाकिस्तान के फाइटर जेट ने काबुल जा रहे एक भारतीय विमान को अपने एयरस्पेस में करीब एक घंटे तक घेरकर रखा था।

सूत्रों का कहना है कि स्पाइसजेट की इस फ्लाइट को पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों ने घेर लिया था और पायलट से ऊंचाई घटाकर उससे फ्लाइट डिटेल मांगी थी। यह घटना 23 सितंबर को हुई थी। स्पाइसजेट की SG-21 विमान दिल्ली से काबुल के उड़ान पर था और इस विमान में 120 यात्री सवार थे।

यह घटना तब हुई जब पाकिस्तानी एयरस्पेस को भारत के लिए बंद नहीं किया गया था। सूत्रों ने बताया कि भारतीय विमान के पायलट ने F-16 विमान के पायलट को बताया था, 'यह स्पाइसजेट की कमर्शल फ्लाइट है। इसमें सवार यात्री काबुल जा रहे हैं।'

जब पाकिस्तानी लड़ाकू विमान ने भारतीय विमान को घेरा था तो F-16 को विमान में सवार यात्रियों ने भी देखा था। एक यात्री ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि F-16 विमान के पायलट ने हाथ के इशारे से भारतीय विमान के पायलट को विमान को नीचे लाने के लिए कहा।

सूत्रों के अनुसार, हर फ्लाइट का एक कोड होता है, जैसे स्पाइसजेट विमान का कोड 'SG' था। इसके कारण पाकिस्तानी ATC को कन्फ्यूजन हो गया है और उसने स्पाइसजेट को 'IA' समझ लिया और इसे इंडियन आर्मी या इंडियन एयरफोर्स समझ लिया।

जब पाकिस्तानी ATC ने बताया कि भारत से एक विमान IA कोड के साथ आ रहा है तो तब पाकिस्तान ने F-16 विमान को उसे घेरने के लिए भेज दिया। डीजीसीए के अधिकारियों ने बताया कि जब कन्फ्यूजन की स्थिति खत्म हुई तो पाकिस्तानी लड़ाकू विमान ने भारतीय विमान को पाकिस्तानी एयरस्पेस से बाहर तक छोड़ा। एक यात्री ने बताया कि जब पाकिस्तानी F-16 विमान हमारी फ्लाइट के करीब थे तो सभी यात्रियों को चुप रहने और अपनी खिड़कियां बंद रखने को कहा गया था।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचने के बाद पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए पहुंच गए। इस वजह से विमान को वापसी की उड़ान भरने के लिए पांच घंटे की देरी हो गई।

पाकिस्‍तान ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी कैंपों पर हुए एयर स्‍ट्राइक के बाद से ही अपना वायुक्षेत्र भारत के लिए बंद कर रखा है। लेकिन जुलाई में इसने आंशिक रूप से इसे खोलने का फैसला किया।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार उसके कुछ दिनों बाद पाकिस्‍तान के उड्डयन मंत्री ने माना था कि वायुक्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने की वजह से उनके देश को 50 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।