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IANS

13,000 करोड़ रूपये से अधिक के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी पहली बार सामने आया है और एक वीडियो जारी कर पूरे मामले पर अपनी सफाई दी है. एंटीगुआ से जारी एक वीडियो में मेहुल चोकसी ने दावा किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और आधारहीन हैं. चोकसी ने कहा कि ईडी ने अवैध तरीके से उसकी संपत्तियां जब्त की हैं और इसके लिए कोई आधार नहीं है. 

आपको बता दें अरबों रुपये के पीएनबी घोटाले के सामने आने के बाद यह पहला मौका है जब मेहुल चोकसी ने एक वीडियो के माध्यम से अपना पक्ष रखा है और ईडी के आरोपों को गलत करार दिया है.

उसने पासपोर्ट रद्द किये जाने के मुद्दे पर भी अपनी सफाई दी है. मेहुल चोकसी ने कहा कि मेरा पासपोर्ट क्यों रद्द किया गया, इसके बारे में पासपोर्ट कार्यालय से मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है. न ही मुझे इस बात की जानकारी है कि मैं खतरा क्यों हूं.

ED ने  मेहुल चोकसी की संपत्ति को भी जब्त कर लिया है जिसमे 1,210 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है. इन संपत्ति में मुंबई में 15 फ्लैट, 17 ऑफिस, कोलकाता में एक मॉल, अलीबाग में 4 एकड़ का फॉर्म और नासिक, नागुपर, पनवेल समेत कई जगहों पर 231 एकड़ जमीन कुर्क कर ली.

आपको बता दें कि पिछले दिनों खबर आई थी कि चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ के अधिकारियों से मिलने के लिये विदेश मंत्रालय और अन्य एजेंसियों से एक भारतीय टीम वहां भेजी गई है. चोकसी भारत में दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी कांड में वांछित है. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था कि, 'टीम ने कैरीबियाई देश के विदेश मंत्रालय अधिकारियों से कल मुलाकात की और चोकसी को भारत प्रत्यर्पित कराने के लिए एक अनुरोध पत्र सौंपा था.' टीम ने चोकसी के खिलाफ मामले का ब्यौरा भी पेश किया. 

खबरों के अनुसार, चोकसी के नागरिकता आवेदन को रोकने के संबंध में भारत द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर एंटीगुआ के अधिकारियों ने नवंबर 2017 में उसे वहां की नागरिकता दे दी थी. चोकसी इस साल चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी को एंटीगुआ में निष्ठा की शपथ ली थी.

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के फ्रॉड के बाद पंजाब नेशनल बैंक की हालत खराब कर दी. ईडी और CBI दोनोंं की जांच कर रहे हैं. इन दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुके हैं. मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए सरकार और एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं. इस बारे में एंटीगुआ की सरकार से भी बातचीत चल रही है.