सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCCO Public domain

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की कृष्णागंज विधानसभा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सत्यजीत बिस्वास की शनिवार को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बिस्वास अपनी पत्नी और 7 महीने के बेटे के साथ अपने क्षेत्र में सरस्वती पूजा के कार्यक्रम में गए थे, जहां हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। टीएमसी के युवा विधायक की हत्या पर राजनीति भी शुरू हो गई है, क्योंकि हाल के समय में यह पहली ऐसी घटना जब किसी मौजूदा विधायक की हत्या हुई है। इस घटना के बाद दर्ज एफआईआर में बीजेपी नेता मुकुल रॉय का भी नाम है।

शनिवार रात 9:00 बजे के करीब हत्या की घटना घटने के बाद जिला पुलिस के अनुरोध पर तुरंत भवानीभवन से सीआईडी की टीम मौके पर जा पहुंची थी और देर रात ही 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और पूछताछ की जा रही है। रविवार की सुबह सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में पुष्टि की।

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों और परिजनों से बातचीत करने के बाद संदेह के आधार पर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। घटनास्थल के पास से एक बंदूक बरामद हुई है। कृष्णानगर थाना में इनसे लगातार पूछताछ चल रही है। इधर विधायक की हत्या के खिलाफ सिमुराली में तृणमूल समर्थकों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार रात 8:30 से 9:00 बजे के करीब कृष्णानगर में स्थित अपने आवास से थोड़ी ही दूरी पर फूलबाड़ी माठ में आयोजित सरस्वती पूजा का उद्घाटन करने के लिए विधायक सत्यजीत बिस्वास पहुंचे थे। यह जगह उनके घर से सिर्फ 2 या 3 मिनट की दूरी पर है।

पूजा का उद्घाटन करने के बाद वह मंच से नीचे उतर कर अतिथियों के साथ बैठकर सांस्कृतिक अनुष्ठान देख रहे थे। उसी समय उस समय नकाबपोश बदमाशों ने बहुत करीब से उन्हें पीछे से कई राउंड गोली मार दी।

मौके पर मौजूद एक युवक ने बताया कि अचानक मैंने गोली चलने की कई आवाजें सुनी तब कुछ समझ में नहीं आया था। लगा जैसे सरस्वती पूजा के आयोजन में कोई पटाखे फोड़ रहा है लेकिन तुरंत जब हमारी नजर पड़ी तो देखा कि विधायक रक्तरंजित हालत में जमीन पर पड़े थे। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सीआईडी ने बताया है कि सत्यजीत बिस्वास को पीछे से सिर पर गोली मारी गई है। उसी मंच पर मंत्री रत्ना घोष भी थीं।

घटना को लेकर तृणमूल और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल के नदिया प्रभारी अणुव्रत मंडल ने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेवार ठहराया है और चेतावनी दी है कि ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। निश्चित तौर पर इन लोगों की गिरफ्तारी होगी।

तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने भी इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सत्यजीत बिस्वास इलाके के काफी जनप्रिय नेता थे। उनके रहते हुए क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का पैर जमना संभव नहीं था इसलिए उन्हें हटाने के लिए साजिश रची जा रही थी। जिन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है उन्हें कानून सजा देगा।

जिला तृणमूल अध्यक्ष गौरीशंकर दत्त ने इसके पीछे सीधे तौर पर वरिष्ठ बीजेपी नेता मुकुल रॉय का हाथ बताया है और दावा किया है कि उन्हीं के निर्देश पर विधायक की हत्या की गई है।

इधर तृणमूल के इन सभी आरोपों को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को बलि का बकरा बनाने की कोशिश की जा रही है। राज्य में हिंसा और हत्या की राजनीति सिर्फ तृणमूल करती है। यह उनकी आपसी गुटबाजी हो सकती है।

घोष ने मारे गए सत्यजीत बिस्वास के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है और मांग की है कि ऐसा करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। विधायक के हत्यारों के बारे में पुलिस अथवा सीआईडी भी अभी प्रत्यक्ष तौर पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। क्यों और किसने विधायक की हत्या की है यह स्पष्ट नहीं हुआ है।