सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters

नेपाल माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को फिर से मापने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त पर्वतारोहियों का एक दल वहां भेज रहा है। उसे उम्मीद है कि इससे इन अटकलों पर हमेशा के लिए विराम लग जाएगा कि विश्व की यह सबसे ऊंची चोटी घट गई है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि चार सर्वेक्षक बुधवार को एवरेस्ट के लिए रवाना होंगे।

एवरेस्ट हिमालय क्षेत्र में नेपाल और चीन की सीमा पर है। उसकी आधिकारिक ऊंचाई 8,848 मीटर (29,029फुट) है। 1954 में पहली बार भारतीय सर्वेक्षण द्वारा यह ऊंचाई रेकॉर्ड की गई थी। वैसे तो कई अन्य दलों ने भी इस चोटी की ऊंचाई मापी थी, लेकिन आखिरकार 1954 में मापी गई ऊंचाई व्यापक रूप से स्वीकार की गई।

2015 में नेपाल में आए विध्वंसक भूकंप के बाद गर्मागर्म बहस चल पड़ी कि भूकंप के चलते इस चोटी की ऊंचाई घट गई है। नेपाल के सर्वेक्षण विभाग ने इस विषय पर पूर्ण विराम लगाने के लिए एवरेस्ट पर्वतारोहण अभियान तैयार करने के लिए 2017 में सर्वेक्षकों के दल की मंजूरी दी थी। सर्वेक्षण विभाग से अभियान के सह संयोजक सुशील डांगोल ने कहा, 'हम यह दल भेज रहे हैं क्योंकि भूकंप के बाद एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं।'