पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन
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1990 के दशक में देश में चुनाव सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का रविवार को चेन्नई में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। पूर्व चुनाव आयुक्त का स्वास्थ्य पिछले कुछ सालों से ठीक नहीं था। शेषन के परिवारवालों ने बताया कि 86 वर्षीय शेषन का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ। अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध शेषन बढ़ती उम्र के कारण पिछले कुछ सालों से सिर्फ अपने आवास पर रह रहे थे और उनका बाहर आना-जाना लगभग ना के बराबर हो गया था।

जब वह देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (1990-96) बने थे, तो उन्होंने निष्पक्ष चुनावों को लेकर देश में राजनीति की दशा बदल दी थी। भारतीय चुनाव व्यवस्था में शुचिता और पारदर्शिता लाने का श्रेय उन्हें ही जाता है

पीएम मोदी ने पूर्व चुनाव आयुक्त के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि वह अभूतपूर्व नौकरशाह थे। उन्होंने पूरी निष्ठा और परिश्रम के साथ देश की सेवा की। चुनाव सुधारों में उनके प्रयासों ने हमारे लोकतंत्र को और मजबूत किया। उनके निधन की खबर सुनकर पीड़ा हुई, ओम शांति।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने ट्वीट किया, 'यह बताते हुए दुख हो रहा है कि टीएन शेषन अब हमारे बीच नहीं रहे। वे आदर्श और अपने उत्तराधिकारियों के लिए प्रेरक थे। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।'

तिरुनेल्लई नारायण अय्यर सेशन (टीएन शेषन) तमिलनाडु काडर के 1955 बैच के आईएएस ऑफिसर थे। 10वें चुनाव आयुक्त के तौर पर उन्होंने अपनी सेवाएं देश को दी। सेशन को रोमन मैग्सायसाय अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

एक वक्त ऐसा था, जब देशभर के नेता टीएन शेषन से खौफ खाते थे। उन्होंने शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए यूपी-बिहार में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करवा कर हर जगह सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करवाए थे। 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष बनाने के लिए तो उन्होंने चुनाव की तारीखों को चार बार आगे बढ़वा दिया था। वह चुनाव प्रचार के दौरान जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते थे।

उन्होंने बड़े से बड़े कद्दावर नेताओं को भी चुनाव प्रचार की सीमा खत्म होने के बाद सभा करने नहीं दी थी। शेषन थोड़ी सी गड़बड़ होने के बाद चुनाव रद्द कर देते थे। अधिकारियों के प्रति भी शेषन काफी सख्त थे।

15 दिसंबर 1932 को टीएन सेषन का जन्म केरल के पलक्कड़ जिले के थिरुनेल्लई में हुआ था। पल्लकड़ से अपनी स्कूल की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से फिजिक्स में ग्रैजुएशन की। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में तीन साल तक डेमॉन्स्ट्रेटर के तौर पर काम किया और साथ-साथ आईएएस की तैयारी करते रहे। इसके बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की। इसके बाद एक फेलोशिप पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पढ़ाई करने चले गए, जहां उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की।