पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंहIANS

पंजाब में नशीली दवाओं और अन्य नशीले पदार्थों के खतरे से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार, 2 जुलाई को ड्रग तस्करों के लिये मौत की सजा की मांग की.

उन्होंने कहा कि कि नशीली दवाएं युवा पीढ़ी को नष्ट कर रही हैं और राज्य में बढ़ते खतरे को रोकना समय की सबसे बड़ी जरूरत है. आज इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक में नशा तस्करों को फांसी की सजा दिए जाने का प्रस्‍ताव पारित करते हुए इसे केंद्र सरकार को भेज दिया गया.

अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ""हमने ड्रग पेडलिंग और तस्करी के लिए मौत की सजा की सिफारिश करने का फैसला किया है. इस सिफारिश को केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है. चूंकि नशे की लत पूरी पीढ़ियों को नष्ट कर रही है, इसलिए यह एक अनुकरणीय दंड की हकदार है. मैं एक नशा मुक्त पंजाब की अपनी प्रतिबद्धता पर पूरी तरह से डटा हूँ."

राज्य पिछले एक दशक से भी अधिक समय से नशे की भीषण गिरफ्त में है. पंजाब में तो यह मुद्दा चुनावी समर में बदल गया था और पिछले विधानसभा चुनाव में नशा एक बड़ा चुनावी मुद्दा था.

अमरिंदर सिंह ने चुनाव के समय वायदा किया था की अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो नशीली दवाओं के पीड़ितों और तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

राज्‍य में नशे के कारोबार और इससे युवाओं की मौत से पैदा स्थिति के मद्देनजर मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की अध्‍यक्षता में कैबिनेट की आपात बैठक हुई. चार घंटे चली बैठक में कई महत्‍वूपूर्ण फैसले किए गए. कैबिनेट ने सर्वसम्‍मति से फैसला किया गया कि ड्रग तस्‍करी करने वालों और इसका कारोबार करने वालाें के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा. कैबिनेट ने इस प्रस्‍ताव को पारित कर इस पर कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया.

इसके साथ नशे से जुड़े मामले पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी का गठन यिा गया. यह सब कमेटी हर सप्‍ताह राज्‍य में ड्रग के कारोबारियों पर कार्रवाई और राज्‍य में नशे कर स्थिति की समीक्षा करेगी। इसके अलावा स्थिति की रोजाना समीक्षा के लिए स्पेशल ग्रुप का गठन भी किया गया.