भैय्यूजी महाराज
भैय्यूजी महाराजएएनआई

धार्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने मंगलवार, 12 जून को कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भय्यू जी महाराज ने खुद को घर में गोली मारी. घटना के तुरंत बाद उनके सेवादार उन्हें मध्य प्रदेश की राजधानी इंदौर के बॉम्बे अस्पताल लेकर गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम को मौके से एक सुसाइड नोट मिला जिसमे लिखा था:

परिवार की जिम्मेदारियों को सँभालने वाला कोई होना चाहिए. मैं काफी तनावग्रस्त और परेशान होकर सब छोड़ रहा हूँ.

आईएएनएस की खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने उन्हें 4 अप्रैल को राज्य मंत्री का दर्जा देकर सम्मानित किया था जिसे उन्होंने यह कहते हुए ठुकरा दिया था की, "एक संत के लिए पद की कोई महत्ता नहीं होती."

माना जा रहा है कि महाराज ने अपने घर में ही खुद को गोली मारी. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इंदौर के डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा के अनुसार धार्मिक गुरु ने घरेलू कलह के चलते यह कदम उठाया.

समाचार एजेंसी एएनआई ने पुलिस अधिकारी जयंत राठौड़ के हवाले से लिखा, "उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, और अभी इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता. उन्होंने अपने सर में गोली मारी है."

मूल रूप से एक जमींदार के बेटे भय्यूजी महाराज का मूल नाम उदयसिंह देशमुख था. वह पहले पेशे से फैशन डिजाइनर थे और बाद में अध्यात्म की ओर मुड़ गए. इंदौर में बापट चौराहे पर उनका आश्रम है जहाँ से वे अपने सामाजिक गतिविधियां चलाते और ट्रस्ट के कार्यों का संचालन करते थे.

भय्यूजी महाराज ने हर क्षेत्र में अपनी पहुंच साबित की. मायानगरी मुंबई का ग्लैमर से भरा बॉलीवुड हो या राजनीति या खेल या फिर समाजसेवा का क्षेत्र उन्होंने हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई. उनके भक्तों में कई नामी-गिरामी हस्तियां भी शामिल थीं.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भय्यूजी महाराज के निधन पर शोक व्यक्ति किया.

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भय्यूजी महाराज की असामयिक मौत की सीबीआई जांच की मांग की है.