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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार को रूस पहुंचे जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे और 'पूर्वी आर्थिक मंच' में हिस्सा लेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र की पहली यात्रा है।

मोदी ने भारतीय समयानुसार सुबह पांच बजकर नौ मिनट पर ट्वीट किया, ''रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र की राजधानी व्लादिवोस्तोक पहुंच गया हूं। इस छोटी लेकिन महत्वपूर्ण यात्रा में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित हूं।''

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस की तीसरी द्विपक्षीय यात्रा पर व्लादिवोस्तोक हवाईअड्डे पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अगले दो दिनों में राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करने, 'पूर्वी आर्थिक मंच' में भाग लेने और विश्व के अन्य नेताओं के साथ बैठकों का कार्यक्रम है।''

व्लादिवोस्तोक में मोदी राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर बतौर मुख्य अतिथि पांचवें 'पूर्वी आर्थिक मंच' में शामिल होंगे। वह पुतिन के साथ 20वां भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन भी आयोजित करेंगे।

रूस के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने कहा था कि वह पुतिन के साथ परस्पर हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी यह यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को विविधता प्रदान करने और रिश्तों को और मजबूत बनाने की इच्छा को दिखाती करती है।

उन्होंने अपनी दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में कहा था, ''मैं अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों तथा आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के सभी आयामों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हूं।''

मोदी ने कहा था, ''मैं पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने वाले वैश्विक नेताओं के साथ बैठक तथा इसमें हिस्सा लेने वाले भारतीय उद्योगों एवं कारोबारी प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए भी उत्सुक हूं ।''

उन्होंने कहा था कि यह मंच रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में कारोबार एवं निवेश अवसरों के विकास पर जोर देने तथा इस क्षेत्र में भारत और रूस के बीच साझा लाभ के लिये सहयोग बढ़ाने का व्यापक अवसर प्रदान करता है।

इससे पहले व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका एक खास तालमेल है। साथ ही, वह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण चाहते हैं ताकि दोनों देश अन्य देशों को सस्ती दरों पर निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरण बना सकें। रूस के सुदूर पूर्व शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। वह रूसी बंदरगाह शहर के लिए अपनी रवानागी से पहले बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापक वार्ता करने वाले हैं।

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REUTERS/Aly Song

मोदी ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी 'तास' को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि यह यात्रा नए रास्ते पर ले जाएगी, नई ऊर्जा देगी और हमारे देशों के बीच संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।' तास की एक खबर में कहा गया है कि पूर्वी आर्थिक मंच (EEF) से इतर होने वाले 20 वें रूस-भारत शिखर बैठक के दायरे में दोनों देश करीब 15 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं, जिनमें कुछ सैन्य-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी होंगे। प्रधानमंत्री 2019 ईईएफ में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा, 'हम इसके(इस मंच) लिए छह महीनों से तैयारी कर रहे हैं।' मोदी ने कहा कि रूस-भारत साझेदारी सैन्य एवं प्रौद्योगिकी सहयोग के दायरे से आगे तक हैं। उन्होंने कहा, 'हम करीबी मित्र हैं। और करीबी मित्र होने के नाते हमें यह सोचना चाहिए कि हम भविष्य में साथ मिल कर क्या कर सकते हैं।' मोदी ने कहा, 'हम सैन्य प्रौद्योगिकियों के महज ग्राहक और विक्रेता के संबंधों तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। हम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रारूप के बारे में आश्वस्त हैं। मैंने इस बारे में कई बार कहा है और हमने इस दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।'

उन्होंने कहा, 'आज, प्रौद्योगिकी मुहैया होने से सैन्य उपकरणों का उत्पादन भारत में सस्ते में हो सकता है। और हम इन हथियारों को तीसरे देशों को बहुत कम कीमत में बेच सकते हैं। भारत और रूस को इस अवसर का लाभ उठाने की जरूरत है।' उन्होंने भारत की गगनयान परियोजना का भी जिक्र किया और कहा कि रूस, भारत के अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने पुतिन के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके साथ उनका खास तालमेल है।

मोदी ने कहा, 'हम बैठते हैं और बातें करते हैं, टहलते हैं और बातें करते हैं। हमारे संबंधों में एक खास तालमेल है, एक विशेष सहजता है। इस मंच के दौरान हमारे पास काफी समय होगा। मैं आशा करता हूं कि हम कई मुद्दों पर चर्चा कर पाएंगे।' उन्होंने कहा कि वह 2001 में पहली बार पुतिन से मिले थे। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मॉस्को आए थे। उस वक्त वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

उन्होंने कहा, 'हालांकि, पुतिन ने मुझे यह नहीं लगने दिया कि मैं कम महत्वपूर्ण हूं, यह कि मैं एक छोटे से राज्य से हूं या मैं नया हूं। उन्होंने मुझसे मित्र की तरह सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार किया। इसने मित्रता के दरवाजे खोल दिए। हमने अपनी हॉबी, वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। वह बात करने के लिए बहुत दिलचस्प व्यक्ति हैं...।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।