केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसादTwitter / @ANI

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अर्थव्यवस्था में मंदी की बात को पूरी तरह खारिज किया है और अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने अजीबोगरीब तर्क देते हुए आर्थिक मंदी को फिल्मों की कमाई से जोड़ दिया है। रविशंकर प्रसाद कहा है कि 2 अक्टूबर को रिलीज हुई तीन फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये की कमाई की है। अर्थव्यवस्था दुरुस्त है तभी फिल्मों ने इतनी कमाई की है। इसके अलावा उन्होंने बेरोजगारी पर एनएसएसओ की रिपोर्ट को भी गलत बताया है।

मोदी सरकार में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फेंस में बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था में सुस्ती को पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुस्ती से इनकार करते हुए कहा, 'मेरा फिल्मों से लगाव है। फिल्में बड़ा कारोबार कर रही हैं। 2 अक्टूबर को 3 फिल्में रिलीज हुई हैं। फिल्म उद्योग के विशेषज्ञ ने कहा है कि नैशनल हॉलीडे के दिन 3 फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। अब जब देश में इकॉनमी थोड़ी साउंड है तभी तो 120 करोड़ रुपये का रिटर्न एक दिन में आ रहा है।'

प्रसाद ने कहा कि जीडीपी की विकास दर बरकरार है। देश में मोबाइल मैनुफैक्चरिंग की 268 फैक्ट्रियां हैं। मेट्रो का निर्माण हो रहा है। रोड बन रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास नौकरी है। प्रसाद ने एनएसएसओ की ओर से नौकरी को लेकर जारी किए गए आंकड़ों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश में मंदी नहीं है।

गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर छह साल के निचले स्तर 5% पर पहुंच गई है। रिजर्व बैंक सहित दुनिया की कई बड़ी रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत के लिए विकास दर के अनुमान में कटौती की है। हालांकि, सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई अहम कदमों की घोषणा की है।

बेरोजगारी पर एनएसएसओ की उस रिपोर्ट को भी केंद्रीय मंत्री ने खारिज किया जिसमें कहा गया है कि बेरोजगारी की दर 45 सालों में सर्वाधिक है। मंत्री ने कहा, 'वह रिपोर्ट गलत है। मैंने आपको 10 प्रासंगिक डेटा दिया है, जो रिपोर्ट में नहीं है। हमने कभी नहीं कहा कि हम सबको सरकारी नौकरी देंगे। कुछ लोग भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं।'

प्रसाद से पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान मंदी को सिरे से नकार दिया था। कुमार ने इसके पीछे ऑटो कंपनियों के मुनाफा कमाने का तर्क देते हुए कहा था कि उनकी बिक्री क्यों गिर रही है, यह उन्हें ही सोचना होगा। कुमार ने कहा था कि इतनी पुरानी और इतना मुनाफा कमाने वाली इंडस्ट्री की किसी भी कंपनी को बिक्री में गिरावट रोकने के उपाय करने में सक्षम होना चाहिए।

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी मंदी की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि इस वैश्विक मंदी का सर्वाधिक असर भारत पर पड़ेगा। हाल ही में जारी किए गए अगस्त माह के आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन दर में 1.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।