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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रानी झाँसी रोड बाजार में रविवार, 8 दिसंबर को अलसुबह छह मंजिला बैग बनाने वाली एक फैक्ट्री में आग लगने से कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई और दर्जन भर अन्य घायल हो गए। पुलिस ने रविवार को ही इमारत के मालिक रेहान और उसके प्रबंधक फुरकान को गिरफ्तार कर लिया।

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पुलिस ने बताया कि एक आवासीय इलाके में चल रही फैक्ट्री में आग लगने के समय 59 लोग अंदर थे। आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल के 30 वाहन घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य पसरा हुआ था। फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों के रिश्तेदार और स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर भाग रहे थे। आग की चपेट में आए लोगों के परेशान परिवार विभिन्न अस्पतालों में अपने संबंधियों को खोज रहे थे। मृतकों और झुलसे लोगों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया।

दमकल कर्मियों ने बताया कि कई फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया है और उन्हें आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल पहुंचाया गया है। एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की पीछे की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है। कुछ शव जले हुए थे। उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग लगने की घटना पर दुख जताते हुए उसे बेहद भयानक बताया। मोदी ने ट्वीट किया, ''दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना करता हूं। '' उन्होंने लिखा, '' घटनास्थल पर अधिकारी हर संभव मदद मुहैया करा रहे हैं।''

पीएमओ ने रविवार को दिल्ली के अनाज मंडी क्षेत्र में आग की घटना में मारे गए लोगों के परिजन के लिए दो दो लाख रुपये मुआवजा राशि की घोषणा की । प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आग में झुलसे लोगों को भी प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने यह जो अनुग्रह राशि दी है वह कानूनी दायित्व नहीं बल्कि नैतिक दायित्व के आधार पर दी गयी है। यह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि दमकल कर्मी हर संभव कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''बेहद दुखद। बचाव अभियान जारी है और दमकलकर्मी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आग में झुलसे लोगों को अस्पताल ले जाया जा रहा है।''

इस हादसे में एलएनजेपी में अपने ससुर जसीमुद्दीन (56) और अपने अन्य रिश्तेदार फैसक खाक (25) को ढूंढने पहुंचे मोहम्मद ताज अहमद (40) ने कहा कि उन्हें सुबह-सुबह दोनों के आग में फंसने की जानकारी मिली। उन्होंने कहा, 'वे अनाज मंडी इलाके में कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करते थे। मैं अनाज मंडी पहुंचा, लेकिन पुलिस प्रतिबंध और बचाव अभियान जारी होने के कारण अपने रिश्तेदारों को नहीं ढूंढ पाया। इसके बाद में एलएनजेपी गया, लेकिन पुलिस और अस्पताल के कर्मचारियों ने कुछ नहीं बताया।'

अहमद ने कहा कि आखिरी बार उनसे कल दोपहर तीन बजे बात हुई थी, लेकिन अब कोई फोन नहीं उठा रहा है। मोहम्मद आसिफ ने कहा कि उनके रिश्ते के भाई इमरान (32) और इकरम (35) थैले बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे और हादसे में झुलस गए। दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'मैं भजनपुरा में रहता हूं. सुबह करीब छह बजे मुझे मुरादाबाद से मेरे भाईयों के घायल होने की जानकारी देने के लिए फोन आया। मैं अनाज मंडी पहुंचा, लेकिन पुलिस की भारी तैनाती की वजह से उन्हें कहीं ढूंढ नहीं पाया। पुलिस ने हमें बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन किस अस्पताल यह नहीं पता। हमने यहां (एलएनजेपी) उन्हें ढूंढा, लेकिन उनको यहां लाए जाने की पुष्टि नहीं हो पाई है।'

वहीं बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय मनोज ने बताया कि उनका 18 साल का भाई इस 'हैंडबैग' बनाने वाली इकाई में काम करता है। उन्होंने कहा, 'मेरे भाई के दोस्त से मुझे जानकारी मिली कि वह इस घटना में झुलस गया है। मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उसे किस अस्पताल में ले जाया गया है।' वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, 'कम से कम इस इकाई में 12-15 मशीनें लगी हुई हैं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि फैक्ट्री मालिक कौन है।' व्यक्ति ने कहा, 'मेरे संबंधी मोहम्मद इमरान और इकरमुद्दीन फैक्ट्री के भीतर ही थे और मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि अब वे कहां हैं।'

(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)