Nizamuddin
PTI

तबलीगी जमात के मुख्यालय दिल्ली का निजामुद्दीन मर्कज मस्जिद भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे बड़े स्रोत के तौर पर उभरा है। यहां मध्य मार्च में हुए जमात में देश-विदेश से आए लोगों के जरिए देश के तमाम हिस्सों में कोरोना वायरस फैला है, जिनमें कुछ की मौत भी हो चुकी है।

मध्य मार्च के जमात के अलावा 26 मार्च को भी मरकज में मजहबी जलसा हुआ जिसमें करीब 2 हजार लोगों ने हिस्सा लिया, वह भी तब जब पूरे देश में लॉकडाउन लागू था।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों में दिल्ली पुलिस को निजामुद्दीन के मर्कज मस्जिद में 1830 लोग मिले हैं, जिनमें से 281 विदेशी हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों को अलग-अलग क्वारंटीन सेंटरों और अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में भेज दिया गया है। इनमें से कम से कम 200 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण मिले हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के बाद भी 16 देशों के 281 नागरिक तबलीगी जमात के मर्कज में रुके हुए थे।

इन 281 विदेशियों में से इंडोनेशिया के 72, श्रीलंका के 34, म्यांमार के 33, किर्गिस्तान के 28, मलेशिया के 20, नेपाल और बांग्लादेश के 9-9, थाइलैंड के 7, फिजी के 4, इंग्लैंड के 3 और अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, सिंगापुर, फ्रांस व कुवैत के 1-1 नागरिक शामिल हैं।

बाकी बचे 1,549 लोग भारतीय नागरिक हैं। इनमें से तमिलनाडु के 501, असम के 216, यूपी के 156, महाराष्ट्र के 109, मध्य प्रदेश के 107, बिहार के 86, पश्चिम बंगाल के 73, तेलंगाना के 55, झारखंड के 46, कर्नाटक के 45, उत्तराखंड के 34, हरियाणा के 22, अंडमान निकोबार के 21, राजस्थान के 19, हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा के 15-15, पंजाब के 9 और मेघालय के 5 लोग हैं।

पिछले 1 महीने में विदेशियों समेत कम से कम 8 हजार लोगों ने निजामुद्दीन का दौरा किया। जमात में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर या तो अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं या देश के अलग-अलग हिस्सों में मरकज से जुड़े परिसरों में फिलहाल ठहरे हुए हैं।

अब जमात में हिस्सा लेने वाले तमाम शख्स अलग-अलग राज्यों में कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इनमें से हैदराबाद में इंडोनेशिया के 6 नागरिक पॉजिटिव पाए गए जिनकी मौत हो गई। जम्मू-कश्मीर में भी एक शख्स की कोरोना से मौत हो चुकी है, जिसने जमात में हिस्सा लिया था।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.