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दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के कैंपस में पार्किंग को लेकर हुए विवाद के बाद दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प में पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। एक वकील को घायल हालत में सेंट स्टीफन अस्पताल में भर्ती किया गया। इतना ही नहीं वहां कवरेज के लिए पहुंच पत्रकारों के साथ भी मारपीट की बात सामने आई है। इस हंगामे के बाद से परिसर में तनाव फैल गया है।

वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई में उनके दो सहयोगी घायल हो गए जिनमे से एक पुलिस की गोलीबारी में घायल हुआ। हालांकि, पुलिस ने गोली चलाने से पूरी तरह इनकार किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पार्किंग के मुद्दे पर कुछ वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस होने के बाद घटना ने गंभीर रूप अख्तियार कर लिया।

बवाल बढ़ता देख कई थानों की पुलिस अदालत परिसर में बुला ली गई। बताया जा रहा है कि इस घटना में एक वकील जिसका नाम विजय वर्मा है, घायल हो गया है। उसे तुरंत पास के ही सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक, विवाद की शुरुआत दोपहर साढ़े 3 बजे के करीब लॉक अप के बाहर एक पुलिसकर्मी और विजय नाम के एक वकील के बीच कहासुनी से हुई। इसी बीच दिल्ली पुलिस की थर्ड बटैलियन में तैनात एक पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर फायरिंग कर दी। इस घटना के बाद तमाम वकील कोर्ट के बाहर इकट्ठे हो गए और ट्रैफिक जाम कर दिया।

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विवाद के बाद वकीलों ने पुलिस अफसरों को पीट दिया और मौके पर पहुंचे एसएचओ से भी हाथापाई कर ली। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का तो ये भी कहना है कि विवाद के हिंसक रूप लेने के बाद वकीलों को जो भी पुलिसवाला दिखा उसे उन्होंने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

दूसरी तरफ तीस हजारी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी जय बिसवाल ने बताया कि एक पुलिस वाहन ने एक वकील के वाहन को टक्कर मार दी, जब वह अदालत में आ रहे थे। जब वकील ने इसपर विरोध किया तो उनका मजाक उड़ाया गया और 6 पुलिस कर्मी उन्हें अंदर ले गए और उनकी पिटाई की। लोगों ने इसे देखा तो पुलिस को बुलाया।

समन्वय समिति के अध्यक्ष महावीर शर्मा और सेक्रेटरी जनरल धीर सिंह कासना ने एलान किया है कि जिला अदालतों में 4 नवंबर को कोई काम नहीं होगा। यह फैसला तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों पर फायरिंग करने के विरोध में लिया गया है।