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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने विदेशी पत्रकारों के संबंध में कहा है कि सभी विदेशियों को भारतीय कानून का सम्मान करना होगा और जो विदेशी कानून का उल्लंघन करते पाए जाएंगे वे दंड के भागी होंगे. अधिकारी का यह बयान वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक पत्रकार को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं देने के बाद आया है.

हालांकि अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई का मतलब यह नहीं है कि उल्लंघन करने वाले को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा.

दरअसल रॉयटर्स के दिल्ली स्थित कार्यालय में मुख्य फोटोग्राफर कैथल मैकनॉटन को विदेश यात्रा से यहां पहुंचने के बाद हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया था. इस पर अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह कार्रवाई स्थायी नहीं है और छह महीने या साल भर बाद इसकी समीक्षा की जा सकती है

कैथल मैकनॉटन आइरिश नागरिक हैं. उन्हें इस साल मई में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर में बिना अनुमति के प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों की यात्रा की और वैध अनुमति के बिना राज्य से रिपोर्ट भी भेजी. इसे लेकर मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'हो सकता है उन्होंने कुछ पुरस्कार जीते हों, लेकिन वह उन्हें भारतीय कानूनों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देता है.'

अधिकारी ने आगे कहा, 'विदेश मंत्रालय नियमित रूप से विदेशी पत्रकारों को भारत के नियम और नियमनों की जानकारी देता है. कुछ स्थानों पर विदेशियों को अनुमति लेने की जरूरत होती है. अगर आप इन नियमों और नियमनों का उल्लंघन करते हैं तो हम कार्रवाई करने के लिये बाध्य हैं.'

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विदेशी संवाददाताओं को सीमावर्ती जिलों, रक्षा प्रतिष्ठानों और सामरिक महत्व के अन्य स्थानों, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों जैसे प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों में फिल्माने के लिए गृह मंत्रालय से पूर्व मंजूरी लेनी होती है.

विदेशी पत्रकारों के लिए वीजा नियमों के मुताबिक, "कोई भी विदेशी पत्रकार, टीवी कैमरामैन या पहले से भारत में रह रहा कोई विदेशी पत्रकार अगर प्रतिबंधित या संरक्षित क्षेत्र या जम्मू कश्मीर या पूर्वोत्तर के राज्यों में जाना चाहता है तो उसे विदेश मंत्रालय के (बाहरी प्रचार संभाग) के जरिए विशेष परमिट हासिल करने के लिए आवेदन करना होगा."

सामान्य परिस्थितियों में भारत विदेशी पत्रकारों को तीन महीने तक का वीजा देता है. विरले मामलों में एक बार या दो बार प्रवेश के लिए छह महीने का पत्रकार वीजा जारी किया जा सकता है.

गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने विदेशी पत्रकारों के लिए प्रोटोकॉल समीक्षा पर भी चर्चा की है. इस साल मई में विदेश मंत्रालय ने भारत में रह रहे विदेशी पत्रकारों को याद दिलाया था कि विदेशी (संरक्षित क्षेत्र) आदेश, 1958 के तहत संरक्षित क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए उन्हें अनुमति लेनी होगी.

इन क्षेत्रों में अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम के सभी हिस्से, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान और उत्तराखंड के कुछ हिस्से शामिल हैं.