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सांकेतिक तस्वीरTwitter

सार्वजनिक स्थान पर थूकने के लिए अब कुछ सौ रुपये के जुर्माने की सजा से लेकर हत्या के प्रयास तक का आरोप लगाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन के लिए जारी अपने संशोधित दिशानिर्देशों में कहा कि यह कृत्य आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपराध होगा।

डॉक्टरों का कहना है कि खांसी और छींकने से हवा में फैलने वाली बूंदों से यह संक्रमण फैलता है। यही कारण है कि लोगों को एकदूसरे से दूरी बनाये रखने की सलाह दी जाती है। जब कोई गुटखा या पान खाने के बाद कही थूकता है तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा होता है।

कोरोना वायरस संकट को देखते हुए लॉकडाउन लागू होने वाले दिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने पान मसाले पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह भी उल्लेखनीय है कि गुटखे पर 2013 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।

बिहार, झारखंड, तेलंगाना, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, नागालैंड और असम ने भी कोविड-19 के प्रकोप के बीच धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पादों और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं।

विभिन्न शहरों में नगरपालिका कानूनों के तहत सार्वजनिक स्थानों पर थूकना अपराध है, लेकिन देश में लोगों द्वारा इसे शायद ही गंभीरता से लिया जाता है। बृह्न मुंबई महानगरपालिका ने सार्वजनिक स्थान पर थूकते पकड़े गए व्यक्ति के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया है। इसी तरह के उपाय दिल्ली नगर निगमों और कई अन्य राज्यों में भी हैं।

लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाये जाने के मद्देनजर गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए समेकित संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उल्लंघनकर्ताओं को दंडित किया जाएगा।

मंत्रालय द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय निर्देशों में कहा गया है, ''सार्वजनिक स्थानों पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय होगा। शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध होना चाहिए और थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.