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दिल्ली की तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच शनिवार को हुई हिंसक झड़प के मामले में रविवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने जांच चलने तक दिल्ली पुलिस प्रमुख को विशेष पुलिस आयुक्त संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह का तबादला करने का निर्देश दिया।

वहीं, सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को बताया कि झड़प की घटना की जांच के लिये एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ को बताया कि झड़प में कथित रूप से शामिल एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया है और एक अन्य का तबादला कर दिया गया है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले में न्यायिक जांच करेंगे। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी भी वकील के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

घटना के संबंध में मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ मामले में सुनवाई कर रही है। मामले में अपराध शाखा का विशेष जांच दल जांच करेगा। पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि झड़प के संबंध में हत्या के प्रयास के आरोप समेत संबंधित धाराओं के तहत चार प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अधिकारियों और चश्मदीदों के अनुसार शनिवार दोपहर को तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प में 20 पुलिसकर्मी तथा कई वकील घायल हो गये जबकि 17 वाहनों की तोड़फोड़ की गयी। पुलिस ने कहा कि घायल 20 पुलिसकर्मियों में दो थाना प्रभारी और एक अतिरिक्त आयुक्त शामिल हैं। पुलिस ने दावा किया कि घटना में आठ वकील घायल हुए हैं।

हालांकि, वकीलों का दावा है कि पुलिस ने जो आंकड़ा बताया है उससे अधिक संख्या में उनके सहकर्मी घायल हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की गोली लगने से दो वकील घायल हुए हैं जबकि पुलिस ने गोलीबारी के आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उसने हवा में गोली चलायी थी।

महापंजीयक (आरजी) दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों ने सुबह बंद कमरे में बैठक की। उन्होंने बताया कि बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि बैठक खत्म होने के बाद अदालत ने दोपहर बाद दिन में एक बजे सुनवाई करने का फैसला किया।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) एवं शस्त्र अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की खातिर दिल्ली के उपराज्यपाल एवं अन्य अधिकारियों से इस संबंध में अनुमति लेने का अनुरोध किया।

पत्र में इसके लिये जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच शुरू करने का अनुरोध किया गया है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.