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दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चारों मुजरिमों की मृत्यु के वारंट की तामील अगले आदेश तक स्थगित कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर यह आदेश जारी किया।

चारों दोषियों ने एक फरवरी को उन्हें फांसी देने पर रोक लगाने की मांग की थी। इससे पहले अदालत ने भोजनावकाश पूर्व सत्र में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन से सहमत नहीं हुआ जिसने तीन कैदियों द्वारा अपनी फांसी की तामील पर रोक लगाने की मांग वाली अर्जी को चुनौती दी थी।

पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार मिश्रा, अक्षय कुमार और मुकेश कुमार सिंह की फांसी की सजा पर तामील के लिए 17 जनवरी को मृत्यु वारंट जारी किया गया था। अभियुक्तों के वकील ने दलील दी कि नियम कहते हैं कि जब एक अभियुक्त की अर्जी लंबित हो तो दूसरे को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता है।

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IANS

पवन, विनय और अक्षय के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर अमल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की अपील की। विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।

मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। उसने दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी, जिसे बुधवार को निरस्त कर दिया गया था।

निचली अदालत ने सभी चार दोषियों को एक फरवरी को तिहाड़ जेल में सुबह छह बजे फांसी देने के लिए 17 जनवरी को दूसरी बार मृत्यु वारंट जारी किया था। इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी की तारीख 22 जनवरी तय की थी।

सोलह दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी। सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.