सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरCreative Commons

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में माँ-बाप द्वारा गरीबी से तंग आकर अपनी दो नाबालिग बेटियों को बेचने का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जगन्नाथपुर में एक आदिवासी मां-बाप ने गरीबी से तंग आकर अपनी दो नाबालिग बेटियों को 15-15 सौ रुपए में बेच दिया. हालांकि बच्चियों को तीन साल पहले बेचा गया था, लेकिन मामले का खुलासा अब हुआ है.

जगन्नाथपुर की एक समाजसेविका सुमन लागुरी ने तोडांगहातु गांव पहुंचकर जब बच्चियों के मां-बाप से बात की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि अब मां-बाप बच्चियों को लेने के लिए हावड़ा रवाना हो गए हैं.

समाजसेवी सुमन लागुरी के अनुसार तोडांगहातु गांव के 55 वर्षीय सुशील दिग्गी और गोरबारी दिग्गी ने अपनी दो बेटियों को पश्चिम बंगाल के हावड़ा के निकट एक ईंट-भट्टा मालिक दीपक सिंह को 15-15 सौ रुपये में बेच दिया था. दोनों बच्चियां नाबालिग हैं और जानकारी के मुताबिक उसी ईंट-भट्टे में काम करती हैं.

दिलचस्प बात यह है कि दोनों बच्चियों के बेचे जाने की भनक तीन साल में न तो ग्राम प्रधान को लगी और न ही प्रशासन को. अब जबकि मामले का खुलासा हुआ है तो सभी ने प्रशासन से दोनों बेटियों को वापस लाने की गुहार लगाई है.

हालांकि मां- बाप का कहना है कि उन्होंने बेटियों को बेचा नहीं है, बल्कि दोनों बेटियों को ईंट-भट्टा मालिक दीपक सिंह के पास रखा है, जिसके बदले उन्हें तीन हजार रुपये मिले थे.

इस मामले में जगन्नाथपुर की एसडीओ स्मिता कुमारी ने गांव के मुखिया से जानकारी ली और बाल कल्याण समिति को बच्चियों को बरामद करने का निर्देश दिया है. एसडीओ ने कहा कि बच्चियों के बेचने के इस मामले की गंभीरता से जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.