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ANI

राजस्थान में भले ही मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नेता का चुनाव करने में कांग्रेस को दुविधा का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सरकार बनाने के दावे में वह पीछे नहीं है. विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के दोनों नेता अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट बुधवार शाम राजभवन पहुंचे और राज्यपाल कल्याण सिंह से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है. सूत्रों का कहना है कि सीएम पद पर रस्साकशी तेज होने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पायलट और गहलोत दोनों को दिल्ली तलब किया है. यह बात तय है कि अशोक गहलोत या फिर सचिन पायलट में से ही कोई एक राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा. लेकिन सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी एक को सीएम के रूप में चुनना इतना आसान भी नही हैं.

राजस्थान में कुल 199 सीटों पर चुनाव हुए और बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत थी, जिसे कांग्रेस ने यह आंकड़ा सहयोगियों की बदौलत आसानी से पार कर लिया. कांग्रेस ने जबरदस्त चुनावी रणनीति से बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता की चाबी अपने हाथ में रख ली. मगर अब कांग्रेस के हाईकमान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है कि आखिर वह किसे अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. बता दें कि कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं.

दरअसल, बीते दिनों जिस तरह से अशोक गहलोत ने संकेत दिये हैं और अन्य राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस के लिए उनकी भूमिक देखी जा रही है, उससे ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में ही रह सकते हैं. क्योंकि अब कांग्रेस के लिए अगला लक्ष्य है 2019 में केंद्र से बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंकना. वैसे बातचीत में अशोक गहलोत इस बात को कह चुके हैं कि अगर पार्टी उन्हें केंद्र की जिम्मेदारी देगी, तो वे केंद्र में रहेंगे और अगर राज्य की जिम्मेदारी देगी तो वह यहां भी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं.

वहीं, सचिन पायलट के लिए इसलिए भी सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि न वो सिर्फ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, बल्कि वह युवा चेहरा भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट को सीएम के रूप में ला सकती है. इसकी वजह यह भी है कि अशोक गहलोत राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के लिए भी पहली पसंद हो सकते हैं.

हालांकि, इसका निर्णय पार्टी को ही करना है. मगर जो भी राजस्थान में सचिन पायलट या अशोक गहलोत में से किसी एक को चुनना कांग्रेस के लिए इतना आसान भी नहीं होना वाला है.