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Reuters

मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगी 'बहुत जल्द' सलाखों के पीछे नजर आएंगे। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय पुलिस के हवाले से दी है। गौरतलब है कि एक दिन पहले पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने टेरर फंडिंग मामले में हाफिज समेत जमात के 13 नेताओं के खिलाफ 23 एफआईआर दर्ज की थीं। सीटीडी ने हाफिज सईद के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिलने की बात कही थी।

आतंकी हाफिज सईद पर कार्रवाई होने की बात ऐसे समय में सामने आ रही है, जब 22 जुलाई को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं।

दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति कई बार सार्वजनिक तौर पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं। अमेरिका ने इसके बाद पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर भी रोक लगा दी थी। साथ ही एफएटीएफ ने भी पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में डाल दिया था। ऐसे में हाफिज सईद पर इस कार्रवाई को अमेरिका से रिश्ते सुधारने के पाकिस्तान के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, आतंकवाद को धन मुहैया करने और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के कई अपराधों को लेकर हाफिज और उसके सहयोगियों के खिलाफ पाकिस्तानी अधिकारियों ने कई मामले दर्ज किए थे। पंजाब (पाकिस्तान) पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने बुधवार को हाफिज सईद समेत जेयूडी के 13 आतंकियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नियाब हैदर नकवी ने पीटीआई से कहा, 'सीटीडी ने जमात उद दावा के नेताओं और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चूंकि एफआईआर दर्ज हो गई है, इसलिए संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'

नकवी से जब यह पूछा गया कि प्राथमिकी नामजद होने के बाद भी सईद और उसके सहयोगियों को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया? इस पर उन्होंने कहा, 'पहले संदिग्ध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है और फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है। प्राथमिकी में नामजद सईद और अन्य लोगों को भी आगे गिरफ्तार किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पुलिस ने आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में कई प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया है और बाद में उन्हें आतंकवाद रोधी अदालतों द्वारा जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा, 'लिहाजा इन संदिग्धों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'

पीटीआई की खबर के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि सईद को इस हफ्ते गिरफ्तार कर लिए जाने की संभावना है क्योंकि इमरान खान सरकार आतंकवाद को धन मुहैया किए जाने के विषय पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने की इच्छुक दिख रही है। पाकिस्तान इस सिलसिले में अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में एफएटीएफ की पिछले साल जून की समयसीमा को पूरा करने में नाकाम रहा था। इसके बाद एफएटीएफ ने इस्लामाबाद को अक्टूबर की समय सीमा दी और इसे पूरा नहीं करने पर कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी थी।

बता दें कि वैश्विक संस्था एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया था, जिनके घरेलू कानून धन शोधन और आतंकवाद को मुहैया होने वाले धन की चुनौतियों से निपटने में कमजोर माने जाते हैं। हाल ही में, आतंकवाद रोधी अदालत ने जेयूडी और जैश के 12 सदस्यों को आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोप में पांच साल तक की कैद की सजा सुनाई थी। इस बीच, बुधवार को सीटीडी ने कहा कि उसने आतंकवाद को धन मुहैया करने के आरोपों को लेकर सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए हैं। उनके खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो अकाट्य हैं।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पहली बार 22 जुलाई को अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं। इमरान की कोशिश अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना है। अमेरिका के राष्ट्रपति कई मौकों पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य मदद पर रोक लगाते हुए आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले साल कहा था कि पाकिस्तान ने वॉशिंगटन को झूठ के अलावा कुछ नहीं दिया और आतंकवाद को मदद मुहैया कराता रहा।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।