सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में मंगलवार, 29 अक्टूबर की रात को आतंकवादियों के अचानक हुए हमले में कम से कम छह गैर-स्थानीय मजदूर मारे गए और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मारे गए सभी लोग पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले थे।

कश्मीर पुलिस के ट्विटर हैंडल के मुताबिक इस हमले में पांच मजदूर मारे गए हैं जबकि पुलिस सूत्रों के अनुसार यह संख्या छह है। घटना के बाद कश्मीर जाने वाले सभी ट्रक जम्मू और ऊधमपुर में ही रोक दिए गए हैं जिसके चलते हाईवे पर ट्रक की लंबी कतार लग गई है।

आतंकियों ने इस हमले को अंजाम तब दिया जब यूरोपीय सांसदों का एक 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर है। पुलिस के मुताबिक कुलगाम में पांच गैर कश्मीरी मजदूरों के शव बरामद किए जाने के बाद इलाके में तलाशी अभियान छेड़ा गया है। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के अतिरिक्त जवानों को भी इलाके में भेजा गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी कुलगाम के कतरस्सु गांव में आए और वहां काम कर रहे राज्य के बाहर के राजमिस्त्री और बढ़ई को अपने साथ ले गए। इसके बाद आतंकियों के सभी को कतार में खड़ा कर उन पर गोलियां चला दीं, जिनमें से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। छठे ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।

मारे गए लोगों में से पांच की पहचान शेख मुरसलीन, कमरुद्दीन, मोहम्मद रफीक, निजामुद्दीन और रफीक-उल शेख के रूप में हुई है। बुरी तरह घायल जहूरुद्दीन को श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

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सूत्रों ने कहा कि कुछ और मजदूर लापता हो सकते हैं। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर पहुंचकर इलाके के चारों ओर घेरा डाल दिया है, जबकि एक हाई अलर्ट लगा दिया गया है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब यूरोपीय संसद के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में हिंसा की छिटपुट घटनाओं और बंद के बीच जमीनी हालात को देखने के लिए पहुंचा है। उनकी यात्रा से श्रीनगर के चनपोरा, रामबाग, और मैसूमा सहित अन्य इलाकों से पथराव और झड़प की घटनाओं के साथ हिंसा भड़क उठी थी जिसमें छह लोग घायल हो गए थे।

करीब 13 साल बाद यह पहला मौका है जब आतंकियों ने एक साथ दो या उससे ज्यादा संख्या में गैर कश्मीरी श्रमिकों की हत्या की हो। इससे पूर्व 26 जून 2006 को आतंकियों ने कुलगाम के बुदरू इलाके में नौ श्रमिकों की गोली मारकर हत्या की थी। इससे पूर्व अगस्त 2000 में आतंकियों ने अनंतनाग जिले के मीर बाजार में 19 और मीर नौगाम में सात श्रमिकों की हत्या की थी।

गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में यह दूसरा और पिछले 15 दिनों में छठा हमला है। यह हमला उस समय हुआ जब यूरोपीय संघ का 23 संसदीय प्रतिनिधिमंडल यहा दो दिवसीय यात्रा पर आया हुआ है। केन्द्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निष्प्रभावी कर दिया था।