सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरTwitter / @ANI

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही बौखलाए आतंकवादी नहीं चाहते कि सूबे में हालात सामान्य हो। घाटी में हालात सामान्य होने और दुकानों के खुलने के बीच आतंकी ट्रक ड्राइवरों को निशाना बना रहे हैं ताकि दहशत की वजह से व्यापार ठप हो जाए। अब अनंतनाग में आतंकियों ने एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर दी है। पिछले 2 हफ्तों में इस तरह का यह चौथा और एक हफ्ते में तीसरा हमला है।

यूरोपियन यूनियन के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर दौरे से एक दिन पहले आतंकियों ने अनंतनाग जिले में नारायण दत्त नाम के एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर दी। दत्त ऊधमपुर जिले के कटरा के रहने वाले थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में बिजबेहड़ा के कनीलवान एरिया में आतंकवादियों ने सोमवार शाम को नारायण दत्त को गोली मार दी। दत्त की मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि नजदीक में ही मौजूद एक सीनियर पुलिस ऑफिसर तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और 2 अन्य ट्रक ड्राइवरों को बचाया जो पास में मौजूद थे। पुलिस ने इलाके की घेरेबंदी कर दी है और हमलावरों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। पिछले 2 हफ्तों में आतंकवादी कश्मीर में 4 ट्रक ड्राइवरों, पंजाब के एक कारोबारी और एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर चुके हैं।

इससे पहले, पिछले हफ्ते शोपियां में सेब लाने गए 3 ट्रक ड्राइवरों को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जिनमें से 2 की मौत हो गई। ट्रक ड्राइवरों और प्रवासी मजदूरों पर आतंकी हमले से उनमें दहशत का माहौल है। आलम यह है कि दूसरे राज्यों से आने वाले कई ट्रक ड्राइवर फलों की खेप उठाए बिना ही घाटी से वापस जा रहे हैं। ट्रक ड्राइवरों ने सुरक्षा की मांग की है।

जम्मू-कश्मीर में ट्रक ड्राइवर्स की हत्या को अर्थव्यवस्था पर हमला बताते हुए राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा था कि सेब कारोबार से जुड़े लोगों को सुरक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवादी स्थानीय लोगों की आजीविका को खत्म करना चाहते हैं।

डीजीपी ने इन आतंकियों को पुलिस की रेडार पर बताते हुए कहा था कि दोषियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही इन्हें दबोच लिया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि सुरक्षाबलों ने फल कारोबारियों को सुरक्षा देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा, 'हमारी पहली प्राथमिकता सेब कारोबार से जुड़े लोगों की मदद करना है। कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और जहां भी लोगों को हमारी आवश्यकता है वहां सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.