राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभालReuters

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का कहना है कि जम्मू-कश्मीर का 92.5 फीसदी भूभाग पाबंदियों से मुक्त कर दिया गया है। प्रदेश में हालात सामान्य होने का दावा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि प्रदेश के 199 में से सिर्फ 10 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में ही पाबंदिया हैं। चयनित पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में डोभाल ने कहा,'10 थाना क्षेत्र को छोड़कर कहीं कोई पाबंदी नहीं है। 100 फीसदी लैंडलाइन फोन काम कर रहे हैं।'

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार डोभाल ने कहा कि मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति जैसा कि मैं अनुमान लगा रहा था, उससे बहुत बेहतर हो रही है, केवल एक घटना की सूचना मिली है, 6 अगस्त को जिसमें एक जवान लड़के ने दम तोड़ दिया। लेकिन उसे गोली नहीं लगी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़के की मौत किसी कठोर चीज से चोट लगने की वजह से हुई है। इतने दिनों में सिर्फ एक ऐसी घटना की सूचना मिली है, हम आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों की बात कर रहे हैं, जहां केवल एक घटना सामने आई है। 

इसके अलावा सीमा पार से आतंकियों के सक्रिय होने की पुष्टि करते हुए एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत सरकार और सुरक्षा बल पूरी तरह से अलर्ट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में आम लोग सरकार के फैसले के साथ हैं और आनेवाले वक्त में यह प्रदेश नए अवसर लेकर आएगा। पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनके मंसूबे कामयाब नहीं होनेवाले हैं क्योंकि कश्मीर में पूरी तरह से शांति है और हालात सामान्य हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अनुच्छेद 370 पर कश्मीरियों के पूर्ण समर्थन की बात कही। उन्होंने कहा, 'मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि अधिकतर कश्मीरी अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले में हमारे साथ हैं। वह अपने लिए बेहतर अवसर, आर्थिक प्रगति, रोजगार के अवसर देख रहे हैं। सिर्फ कुछ ही लोग ऐसे हैं जो निजी स्वार्थ के कारण इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।'

सैन्य बलों द्वारा सामान्य जनता को प्रताड़ित किए जाने की खबरों का भी उन्होंने खंडन किया। उन्होंने कहा, 'भारतीय आर्मी प्रदेश में आतंकियों से लड़ने के लिए काम कर रही है। स्थानीय पुलिस और अर्धसैन्य बल ही आम तौर पर सुरक्षा-व्यवस्था देख रही है। सेना द्वारा परेशान किए जाने का तो सवाल ही नहीं उठता।'

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एनएसए ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी पाबंदियां हट जाएं लेकिन यह पाकिस्तान की हरकतों पर निर्भर करेगा। अगर पाकिस्तान से ठीक से व्यवहार करे तो घुसपैठ नहीं होगी और वह अपने टावरों से आतंकवादियों को सिग्नल को भेजना बंद कर दे तो सभी पाबंदियां हटा ली जाएंगी। डोभाल ने बताया कि भारत-पाकिस्तान की सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर कम्युनिकेश टावर लगे हुए हैं जिनसे पाकिस्तान की ओर से संदेश भेजे जा रहे हैं। 

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सीमा पार से आतंकी गतिविधियों का निर्देश मिलने की पुष्टि करते हुए डोभाल ने कहा, 'सीमा से 20 किमी. की दूरी पर पाकिस्तान के कम्युनिकेशन टावर हैं। हमने उनकी बातचीत सुनी है जिसमें कह रहे हैं कि तुम लोग क्या कर रहे हो? वहां (कश्मीर में) इतने सारे सेब से भरे ट्रक कैसे चल रहै हैं? तुम्हारे लिए क्या अब चूड़ियां भिजवा दें?'

डोभाल ने कहा कि कश्मीरियों की रक्षा के लिए हमने संकल्प लिया है और इसके लिए अगर हमें कुछ पाबंदियां लगानी हो तो हम वह भी करने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान के पास अब एक मात्र हथियार आतंकियों की मदद करना और आतंक फैलाना भर ही है।

अजीत डोभाल ने पाकिस्तान की ओर से कोडवर्ड में की जा रही बातों का मतलब बताया कि वे सामना अपने गुर्गों से हथियार और लोजेस्टिक के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं। 

एनएसए डोभाल ने आतंक का साथ देने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में सीमा पार से 230 आतंकियों की पहचान हुई है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क हैं।' उन्होंने सोपोर में घायल हुई ढाई साल की बच्ची को इलाज के लिए एम्स लाने का निर्देश दिया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सूबे के विभिन्न राजनीतिक दलों को नेताओं को नजरबंद रखने के मामले में उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकने के लिए उनको नजरबंद करके रखा गया है क्योंकि भीड़ इकट्ठा होने पर आतंकवादी इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी नेता को  आपराधिक या देशद्रोह का मामला नहीं है। उनको सिर्फ इसलिए नजरबंद करके रखा गया है ताकि राज्य में राज्य में लोकतंत्र लागू होने का माहौल बन सके और विश्वास है कि ऐसा बहुत जल्द हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी किया गया कानून के मुताबिक है और नेता अपनी नजरबंदी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। 

अजीत डोभाल ने बताया कि श्रीनगर से हर रोज 750 ट्रकों की आवाजाही हो रही है। कल दो आतंकवादी यहां के मशहूर फल विक्रेता हमीदुल्लाह को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन वह उनको पा नहीं सके क्यों कि हमीदुल्लाह नमाज पढ़ने चले गए थे। इसके बाद वे आतंकवादियों हमीदुल्लाह की दुकान में काम करने वाले दो लोगों  को जबरदस्ती उनके घर सोपोर लेकर चले गए जहां ढाई साल की बेटी आसम जान और और बेटे मोहम्मद अरशद को गोली मार दी। दोनों आतंकी पाकिस्तानी थे और उनके हाथ में पिस्टल थी। वे पंजाबी बोल रहे थे और घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। 

इसके अलावा एक और घटना जिसमें एक दुकानदार को गोली मार दी क्योंकि वह दुकान खोलने की कोशिश में लगा था।

डोभाल ने कहा पाकिस्तान यहां ऐसे हालात पैदा करना चाहता है ताकि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बता सके कि यहां पर अशांति है। पाकिस्तान यहां प्रोपेगंडा फैलाना चाहता था और कुछ अनभिज्ञ लोग एक दो घटनाओं को आम लोगों की राय बता रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि घायल बच्ची को एम्स में भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।