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संसद भवनReuters

केन्द्र सरकार ने नवगठित संघ शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का वर्ष 2020- 21 के लिये एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट संसद में मंगलवार, 17 मार्च को प्रस्तुत किया। बजट की प्रतियां दोनों सदनों के पटल पर रखी गयीं। पटल पर रखे गये राज्य के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के लिये 2020- 21 का बजट पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार होगा।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020- 21 में जम्मू और कश्मीर में कुल 1,01,1428 करोड़ रुपये का बजट अनुमान है। इसमें विकास कार्यों पर पिछले साल के मुकाबले 27 प्रतिशत अधिक 38,764 करोड़ रुपये व्यय होगा। ''यह जम्मू कश्मीर के लिये परिकल्पित अब तक का सर्वाधिक बजट है।''

बजट में जम्मू कश्मीर में 50 हजार सरकारी रिक्त पदों को भरने, राज्य के कर्मचारियों को 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग के अनुरूप वेतन, भत्ते देने और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये तीन नये धार्मिक सर्किट शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है।

इस बजट के साथ ही चालू वित्त वर्ष में 31 अक्टूबर 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 की पांच महीने की अवधि के लिये जम्मू-कश्मीर के बजट अनुमान भी पेश किये गये हैं। इस अवधि के दौरान राज्य में 55,317.81 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान लगाया गया है। जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर 2019 को औपचारिक रूप से संघ शसित प्रदेश बन गया था।

उससे पहले अविभाजित जम्मू कश्मीर के एक अप्रैल से लेकर 30 अक्ट्रबर 2019 की सात माह की अवधि के लिये पूरक बजट भी पेश किया गया। लद्दाख संघ शासित प्रदेश के लिये भी 31 अक्टूबर से 31 मार्च तक का आय- व्यय का ब्योरा संसद में पेश किया गया है।

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संघ शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के 2019- 20 और 2020- 21 के बजट को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा। राज्य के बजट प्रस्ताव और अनुदान मांगों पर लोकसभा में बुधवार को चर्चा और पारित कराने के लिये रखा जा सकता है।

सीतारमण के लिखित वक्तव्य में जम्मू-कश्मीर के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। इससे यह सबसे तेज गति से वृद्धि हासिल करने वाला संघ शासित प्रदेश होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में चालू वित्त वर्ष के दौरान 45 लाख लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 1,705 करोड़ रुपये वितरित किये गये। योजना में 60 हजार नये पेंशन मामलों को शामिल किया जायेगा। राज्य में पर्यटन क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिये 560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है साथ ही प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च के लिये 1,000 करोड़ रुपये की पर्यटन अवसंरचना की भी शुरुआत की जायेगी।

बजट में प्रदेश में तीन धार्मिक सर्किटों को शुरू करने का भी प्रस्ताव किया है। पहला-- शिव खोड़ी- उत्तर बनी- पुरमंडल- माता सुखराला देवीजी, दूसरा-- शंकराचार्य- माता खीर भवानी- मार्तंड (मट्टन) और तीसरा-- मश्दूम साहिब- खनका-ए-मौला- वतलब- बाबारेशी- पखरपोरा ऐशमुकाम (सूफी सर्किट के रूप में) शुरू करने का प्रस्ताव किया है।

केंद्रशासित प्रदेश में 2020- 21 के दौरान पर्यटन और संस्कृति क्षेत्र के लिये 706 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान है। यह पिछले साल के मुकाबले 260 करोड़ रुपये अधिक है।

ग्रामीण विकास के लिये 5,284 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, यह राशि पिछले साल इस क्षेत्र के लिये आवंटित राशि के मुकाबले 1,951 करोड़ रुपये अधिक है।

शिक्षा क्षेत्र का आवंटन पिछले साल 2019- 20 के मुकाबले 1,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 2,392 करोड़ रुपये रखा गया है। सीतारमण ने प्रदेश के बजट में कृषि, बागवानी और संबद्ध क्षेत्रों पर वर्ष 2020- 21 के दौरान 1,872 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह पिछले साल के इस क्षेत्र को किये गये आवंटन से 680 करोड़ रुपये अधिक है।

बजट राज्य के सरकारी क्षेत्र में 50 हजार रिक्तियों को भरने का भी प्रस्ताव है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2020- 21 के दौरान स्वरोजगार पर भी यथोचित ध्यान दिया जायेगा। इसके लिये प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज राशि बढ़ाकर 27,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाई जायेगी। रिक्त पदों को भरने के लिये 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

जम्मू कश्मीर के बजट में पाक अधिकृत कश्मीर तथा पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के पुनर्वास का भी प्रस्ताव किया गया है। इसमें कहा गया है, ''जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने और संघ राज्य क्षेत्र के रूप में राज्य के पुनर्गठन से पाक अधिकृत कश्मीर और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों ने नागरिकता के अधिकार के लिये पात्रता हासिल कर ली है, जो उन्हें 1947 से नहीं दी जा रही थी। उन्हें अब ये सभी अधिकार दिये जायेंगे जो कि इस देश के प्रत्येक नागरिक को दिये जाते हैं। सरकार उनकी पुर्वास संबंधी जरूरतों का ध्यान रखेगी।''

जम्मू कश्मीर के कर्मचारियों को 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग के भत्ते के अनुसार लाभ दिये जाने के लिये बजट में 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। संघ शासित प्रदेश के पांच माह के बजट में शिक्षा के लिये 670 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।

मजदूरी आवंटन में 250 करोड़ रुपये बढ़ाये गये हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये 10 करोड़ रुपये और ''गांव की तरफ लौटने'' की एक नई योजना पेश कि गई है जिसके लिये 121 करोड़ रुपये की राशि पहले ही प्रदान की जा चुकी है।

इसके साथ ही लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के लिये वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान 31 अक्टूबर 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 तक की पांच माह की अवधि के लिये 5,754 करोड़ रुपये का बजट अनुमान भी सदन के पटल पर रखा गया है। इसमें 4,618.35 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय होगा और 1,135.65 करोड़ रुपये का राजस्व व्यय होगा।

वित्त मंत्री के वक्तव्य में कहा गया है कि 2020- 21 के लिये जम्मू कश्मीर की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2,01,054 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

वर्ष के दौरान राज्य में कर और जीएसडीपी अनुपात 6.59 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि चालू वर्ष के अनुमानित 6.19 प्रतिशत से अधिक है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.