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जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक हामिद अंसारी रिहा होकर मंगलवार शाम अपने देश वापस लौट आए. पाकिस्तान में रावी नदी पार करवाने के बाद उन्हें एक जेल वैन के जरिए वाघा-अटारी सीमा पर लाया गया जिसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने हामिद को भारतीय अफसरों को हैंडओवर कर दिया.

भारतीय सीमा में दाखिल होते ही हामिद ने सबसे पहले अपनी धरती को चूमा. उनके परिवार वाले वाघा बॉर्डर पर उन्हें लेने पहुंचे थे. मुंबई के रहने वाले हामिद की पूरी कहानी किसी मुम्बईया फिल्मी कहानी की स्क्रिप्ट की तरफ है.

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हामिद पाकिस्तान की एक लड़की से ऑनलाइन मिला और उसका दीवाना हो गया. यह दीवानगी इस कदर बढ़ी कि वह अपनी प्रेमिका से मिलने अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंच गया. पर यहां से शुरू हुए उसके मुश्किल भरे दिन. पकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने उसे गिरफ्तार कर लिया. भारतीय होना उसके लिए बड़ी मुसीबत था. उस पर जासूसी का आरोप लगाया गया.

मुंबई के रहने वाले हामिद के घरवालों का कहना है कि वह सोशल मीडिया के जरिये एक लड़की के संपर्क में आए थे और उन्‍होंने उससे मिलने के लिए पाकिस्‍तान जाने की कई बार कोशिश की, लेकिन उन्‍हें वीजा नहीं मिला. इसके बाद उन्‍होंने सोशल मीडिया के जरिये स्‍थानीय लोगों से संपर्क साधा और फर्जी पहचान-पत्र के जरिये अफगानिस्‍तान के रास्‍ते पाक‍िस्‍तान के कोहाट इलाके में पहुंच गए.

पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने हामिद को 2012 में ही हिरासत में ले लिया था. सैन्‍य अदालत ने उन्‍हें 15 दिसंबर 2015 को सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वह पाकिस्‍तान की पेशावर जेल में बंद थे. उनकी तीन साल की सजा 15 दिसंबर, 2018 को ही पूरी हो गई थी, लेकिन कानूनी दस्तावेज तैयार नहीं हो पाने की वजह से उनकी रिहाई और भारत रवानगी में अड़चनें आ रही थीं.

भारत ने 95 बार पाकिस्तान से अनुरोध किया था कि पाक में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को हामिद से मिलने दिया जाए, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने मांग ठुकरा दी थी.

हामिद की मां फ़ौज़िया ने उनकी रिहाई के लिए काफ़ी कोशिश की. वह लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में रहीं और आख़िरकार हामिद अंसारी की पाक से रिहाई हुई और वो देश वापस लौटा.