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Reuters

वीडियोकॉन कर्ज मामले से विवादों में घिरीं आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. चंदा कोचर की जगह संदीप बख्शी को बैंक का नया सीएमडी बनाया गया है. चंदा कोचर के इस्तीफे की खबर आते ही आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में लगभग 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

इस खबर के बाद आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में तेजी आ गई. बैंक का शेयर 3 फीसदी चढ़कर 313 रुपए पर पहुंच गया. आईसीआईसीआई सिक्योरिटी का शेयर भी 1.75 फीसदी चढ़ गया. बैंक के बोर्ड ने चंदा कोचर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि चंदा कोचर को बैंक की सभी सहयोगी कंपनियों के बोर्ड की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है.

गुरुवार को बैंक की तरफ से इस सूचना को शेयर बाजार के साथ भी साझा किया गया. बैंक की ओर से कहा गया है कि बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स ने कोचर का त्यागपत्र तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है. निदेशक मंडल द्वारा की जा रही जांच पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.

बोर्ड ने संदीप बख्शी को बैंक का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय किया है. बख्शी का कार्यकाल पांच साल यानी 3 अक्टूबर 2023 तक होगा.

चंदा कोचर और उनके परिवार के सदस्य वीडियोकॉन समूह को दिये गये कर्ज में एक- दूसरे को लाभ पहुंचाने तथा हितों के टकराव के आरोप का सामना कर रहे हैं. आईसीआईसीआई बैंक के एक और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर एमडी माल्या का इस्तीफा भी बैंक ने स्वीकार कर लिया है.

बोर्ड ने ये भी कहा है कि उनको रिटायरमेंट के फायदों पर मौजूदा जांच के पूरी होने के बाद ही फैसला होगा। इससे पहले कोचर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था. सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नूपॉवर रिन्यूएबल में वीडियोकॉन ने निवेश किया था. इस कंपनी को आईसीआईसीआई बैंक ने लोन दिया था. कोचर ने 1984 में मैनेजमेंट ट्रेनी को तौर पर आईसीआईसीआई बैंक ज्वाइन किया था.

आपको बता दें, चंदा कोचर के छुट्टी पर जाने से पहले मई में बैंक ने अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में फाइलिंग के दौरान कहा था कि कोचर के खिलाफ लगे आरोपों से बैंक और दूसरी सब्सिडियरीज के कामकाज पर असर पड़ सकता है. बैंक का कारोबार भी ठप पड़ सकता है. वहीं, चंदा कोचर के छुट्टी पर जाते ही बैंक ने संदीप बख्शी को बैंक का COO यानी चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया था. इन वजहों से साफ था कि बोर्ड नहीं चाहता था कि चंदा कोचर टॉप मैनेजमेंट में रहें. हालांकि, चंदा कोचर ने इस बीच बोर्ड से एक और पद पर दोबारा नियुक्ति की सिफारिश की है.