गौरी लंकेश

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, एसआईटी (विशेष जांच दल) ने सोमवार, 11 जून को परशुराम वाघमारे नामक एक संदिग्ध शूटर को गिरफ्तार किया है.

बताया जाता है कि 26 वर्षीय मराठी भाषी परशुराम, कर्नाटक के विजयपुरा जिले के सिंडगी का रहने वाला है. एक तरफ जहां कुछ खबरों में दावा किया जा रहा है कि उसे सिंडगी से हिरासत में लिया गया वहीं दूसरी तरफ कुछ का कहना है कि उसे महाराष्ट्र से दबोचा गया.

उसे तृतीय एसीएमएम की अदालत में पेश किया गया जहां से जज ने उसे 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया. एसआईटी ने अदालत को बताया कि वह अपराध में सीधे तौर पर शामिल था.

एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा, ''हम कोई भी टिप्पणी करने से पहले उससे पूछताछ करना चाहते हैं. हमारी एक टीम ने मराठी भाषी इस व्यक्ति को दबोचा. वह 5'1'' लंबा और करीब 75-80 किलोग्राम वजनी है. उसके कब्जे से कोई पिस्तौल य आग्नेयास्त्र नहीं बरामद हुआ है.''

हत्या के छः महीने बाद एसआईटी ने एक प्रमुख आरोपी, केटी नवीन कुमार को गिरफ्तार किया था. अपने कबूलनामें में उसने इस मामले से जुड़े चार अन्य आरोपियों, मनोहर एडवे, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण, अमोल काले उफ भाईसाहब और अमित देगवेकर उर्फ प्रदीप के नाम लिये थे.

इनमें से दो को तो कर्नाटक से ही गिरफ्तार किया गया था जबकि बाकी दो को पुणे और गोवा से.

मुख्य आरोपी नवीन का दावा था कि लंकेश की हत्या में प्रवीण का सीधा हाथ था. न्यूज18 की खबर के मुताबिक, उसने कबूल किया था कि 5 सितंबर, 2017 के घटना वाले दिन से 15 दिन पहले ही नवीन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली थी.

गौरी लंकेश की हत्या की पूरे देश ने कड़ी भर्तस्ना की थी. उनकी हत्या उनके घर के बाहर ही गोली मारकर की गई थी. लंकेश एक जानी-मानी कन्नड़ पत्रकार थीं जो अपने मजबूत हिदुत्व-विरोधी रुख के लिये जानी जाती थीं.