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Reuters

गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 21 दिवसीय बंद (लॉकडाउन) से छूट पाने वाले लोगों और सेवाओं के संबंध में बुधवार को नए दिशानिर्देश जारी किए। इसके अलावा सरकार देश में कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण को रोकने की लड़ाई में स्वेच्छा से शामिल होने वाले डॉक्टरों की तलाश कर रही है। नीति आयोग की वेबसाइट पर बुधवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी गई।

मंत्रालय ने नए दिशानिर्देशों में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और आरबीआई द्वारा विनियमित वित्तीय बाजारों, कैग के फील्ड अधिकारियों, वेतन और लेखा अधिकारियों और पेट्रोलियम उत्पादों को इस बंदके दायरे से छूट दी गयी है। इसके अलावा हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर माल ढुलाई व कोयला खनन गतिविधियों से जुड़े लोगों, दिल्ली स्थित रेजिडेंट आयुक्तों के कर्मचारियों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और भू सीमाओं पर सीमा शुल्क से संबंधित लोगों को भी छूट दी गयी है।

वन कार्यालयों के कर्मचारियों, चिड़ियाघरों , नर्सरी, वन्यजीव, वन्य क्षेत्र में अग्निशमन दल से जुड़े कर्मियों और पौधों को पानी देने की सेवा से जुड़े लोगों को छूट दी गई है। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि विधवाओं, बच्चों, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, और निराश्रित महिलाओं के आश्रय गृहों के संचालन से जुड़े कर्मियों को भी इस बंद से छूट होगी।

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार रात 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात सख्त दिशानिर्देश जारी किए थे। मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी कार्यालय, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशो की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, सार्वजनिक निगम, वाणिज्यिक, निजी, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

इनमें कहा गया था कि हालांकि उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी। मंत्रालय के पहले के दिशा निर्देशों के अनुसार बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इसमें ई-कॉमर्स के जरिए खाद्य पदार्थ, दवाईयां, चिकित्सीय उपकरण मुहैया कराने को भी बंद से छूट है।

इसमें कहा गया, ''सभी प्राधिकारी यह संज्ञान में लें कि कड़ा प्रतिबंध लोगों की आवाजाही पर है न कि आवश्यक सामान की ढुलाई पर।''

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मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी दिशानिर्देशों में पशु चिकित्सालयों, दवा की दुकानों, जन औषधिक केंद्रो, औषधिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं, बैंकिग व्यवस्था से जुड़े आईटी वेंडर, एटीएम परिचालन और नकदी प्रबंधन एजेंसियों को बंद से छूट दी गई है। बीज की दुकानों, सरकार से जुड़े कॉल सेंटर, जरूरी वस्तुओं की उत्पादन इकाइयों, कोयला एवं खानिज उत्पादन, परिवहन, खदान परिचालन के लिए जरूरी वस्तुओं को भी छूट के दायरे में रखा गया है।

साथ ही सरकार ने बयान जारी कर सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टरों, सशस्त्र सेना बलों की चिकित्सा सेवाओं, सरकारी उपक्रमों, निजी डॉक्टरों से आगे आने और इस वायरस से लड़ने की मुहिम में शामिल होने की अपील की है। जो डॉक्टर इसमें योगदान देना चाहते हैं और देश की सेवा करने के पवित्र मिशन में शामिल होना चाहते हैं, नीति आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर जाकर खुद को पंजीकृत करा सकते हैं।

बयान में कहा गया, 'सरकार वैसे स्वैच्छिक डॉक्टरों से अनुरोध करती है जो स्वस्थ हैं और निकट भविष्य में सरकारी अस्पतालों या प्रशिक्षण अस्पतालों में सेवा देने के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। हम ऐसे डॉक्टरों से इस मुश्किल हालात में आगे आने की अपील करते हैं। आप सेवानिवृत्त डॉक्टर हो सकते हैं, सशस्त्र सेना बलों की चिकित्सकीय सेवाओं के डॉक्टर हो सकते हैं, सरकारी उपक्रम में कार्यरत डॉक्टर हो सकते हैं, निजी डॉक्टर हो सकते हैं।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.