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Alex Wong/Getty Images

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को अमेरिका सरकार के सामने पेश होना पड़ा. उन्हें सरकार को ये जनकारी देने के लिए बुलाया गया था कि गूगल डेटा को कैसे इकट्ठा करता है और उसकी फिल्टरिंग का तरीका क्या है. साढ़े तीन घंटे तक चले सवाल जवाब के इस दौर में सांसदों ने पिचाई के ऊपर सवालों की बारिश कर दी और कंज़र्वेटिवों के ख़िलाफ़ पक्षपात का भी आरोप लगाया.

इस दौरान उनसे पूछा गया एक सावल वायरल हो गया है. पिचाई से पूछा गया था कि गूगल पर 'इडियट' लिखने पर ट्रंप की तस्वीरें क्यों दिखाई देती हैं.

सिनेटर जो लोफ्रेन ने पिचाई से सवाल किया, "अभी जब हम गूगल पर इडियट शब्द को इमेज में सर्च करते हैं, डोनाल्ड ट्रंप की एक तस्वीर सामने आ जाती है. मैंने खुद ये करके देखा है, ऐसे क्यों होता है?"

इसके जवाब में पिचई ने बताया कि गूगल सर्च में जब कोई यूजर कीवर्ड डालता है तो वह एल्‍गोरिथम के आधार पर उस वेबपेज और फोटो को खोजता है. दरअसल, गूगल सर्च इंजन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि जब किसी शब्‍द को बार-बार सर्च किया जाता है तब सर्च इंजन उस कीवर्ड को पॉपुलर कैटेगरी में डाल देता है.

इसके बाद लोफ्रेन ने व्यंग्यात्मक लहज़े में पूछा कि इसका मतलब ये है कि पर्दे के पीछे बैठा कोई छोटा आदमी ये तय नहीं करता कि लोग स्क्रीन पर किसे देखने जा रहे हैं. इसके जवाब में पिचाई ने कहा कि सर्च के नतीजों के मामले में गूगल में मैन्युअली कुछ नहीं किया जाता है.

पहले खबर आई थी कि ट्रंप गूगल सर्च में अमेरिकी राष्ट्रपति की गलत छवि बनाने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा था कि जब से पद संभाला है, मीडिया हमेशा मेरे खिलाफ खबरें चलाता है. ट्रंप ने अपने इस दर्द के लिए सीधे गूगल को जिम्मेदार ठहराया था. ट्रंप का आरोप है कि गूगल भी मेरे खिलाफ नकारात्मक खबरें सर्च होने में बड़ी भूमिका निभा रहा है, जो खतरनाक है.

डोनाल्ड ट्रंप वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, लेकिन गूगल उन्हें इडियट क्यों बता रहा है. दरअसल, गूगल इमेज सर्च में 'इडियट' टाइप करने पर सबसे ऊपर ट्रंप की जो तस्वीर दिखती है, वह बेबीस्पिटल (Babyspittle) नाम की अमेरिकी ब्लॉग साइट की है. यह साइट खास तौर से रूढ़िवादियों की सोच और उनकी तरफ फैलाई जाने वाली अफवाहों की काट ढूंढने का काम करती है. इस पर डोनाल्ड ट्रंप को बार-बार इडियट कहा गया है. इस ब्लॉग साइट ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कई लेख लिखे हैं. 'बेवकूफी भरी हरकतों' पर ट्रंप की आलोचना की गई है.